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Ganesh Utsav 2025: रायपुर में सुई-धागा-बटन, सुपारी और चंदन के बप्पा, इनोवेशन से बदला मूर्ति निर्माण का ट्रेंड

Ganesh Utsav 2025: रामसागर पारा में चंदन की लकड़ी से मूर्ति गढ़ी गई है। डंगनिया में नकली रुपए और सुपारी की मूर्ति विराजी है। पंडरी में सुई-धागा-बटन की मूर्ति बिठाई गई है।

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Ganesh Utsav 2025: रायपुर में सुई-धागा-बटन, सुपारी और चंदन के बप्पा, इनोवेशन से बदला मूर्ति निर्माण का ट्रेंड

Ganesh Utsav 2025: @ताबीर। राजधानी में बप्पा की धूम मची हुई है। मूर्तियों में इनोवेशन भी देखने लायक है। शहर के कुछ स्थानों पर बप्पा की लीक से हटकर मूर्ति स्थापित हुई है। रामसागर पारा में चंदन की लकड़ी से मूर्ति गढ़ी गई है। डंगनिया में नकली रुपए और सुपारी की मूर्ति विराजी है। पंडरी में सुई-धागा-बटन की मूर्ति बिठाई गई है।

हमने इन मूर्तियों को बनाने वाले यादव परिवार से भी बात की। रायपुरा में 6 सदस्यीय यादव परिवार 27 साल से अनोखी मूर्तियां बना रहा है। शिवचरण यादव ने बताया, मुझे मूर्तियां बनाने में रुचि थी। लोगों को मेरा काम पसंद आया, इसलिए मैं और मेरा परिवार इसमें रम गया है।
4000 धागे, 6000 हजार बटन

4 प्रकार के चंदन

पंडरी कपड़ा मार्केट में इस बार सुई-धागा-बटन थीम पर मूर्ति विराजी है। शिवचरण ने बताया, हमने कपड़ा मार्केट को ध्यान में रखकर यह मूर्ति बनाई है। एक हाथ में स्केल, दूसरे हाथ में टेप है, जबकि मोदक की जगह धागे की गड्डी है। बप्पा का चेहरा बटन से बनाया गया है। इसमें लगभग 4 हजार धागे की गड्डियां और 6 हजार बटन हैं।

रामसागर पारा में विराजित मूर्ति में चार प्रकार के चंदन—लाल, काला, सफेद और पीला—की लकड़ी इस्तेमाल की गई है। चंदन के छिलके से धोती, चंदन माला मोती और चंदन के बीज से मुकुट बनाया गया है। आंख भी चंदन की लकड़ी से बनाई गई है। महंगी होने के कारण लकड़ी समिति के लोग लाकर दिए थे।


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