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Property Tax में भारी गड़बड़ी! रायपुर नगर निगम पर उठा सवाल, गलत क्षेत्रफल के आधार पर टैक्स वसूली

Property Tax: रायपुर नगर निगम द्वारा लोगों से वसूल किए गए संपत्तिकर में भारी गड़बड़ी सामने आ रही है। लोगों की शिकायतों के बाद भी नगर निगम के राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई सुनवाई नहीं की जा रही है।

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Property Tax में भारी गड़बड़ी! रायपुर नगर निगम पर उठा सवाल, गलत क्षेत्रफल के आधार पर टैक्स वसूली(photo-patrika)

Property Tax में भारी गड़बड़ी! रायपुर नगर निगम पर उठा सवाल, गलत क्षेत्रफल के आधार पर टैक्स वसूली(photo-patrika)

Property Tax: छत्तीसगढ़ के रायपुर नगर निगम द्वारा लोगों से वसूल किए गए संपत्तिकर में भारी गड़बड़ी सामने आ रही है। लोगों की शिकायतों के बाद भी नगर निगम के राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। जानकारी के अनुसार नगर निगम ने वार्डों में आज से पांच साल पहले जीआईएस सर्वे के आधार पर लोगों के घरों का क्षेत्रफल निकाला था।

Property Tax: गलती विभाग की, भटक रहे करदाता

इसी आधार पर संपत्तिकर का डिमांड नोट जारी किया जा रहा है, लेकिन इस सर्वे में कई ऐसे लोगों के घरों का क्षेत्रफल जिनके मकान दो या तीन मंजिला है, उनका क्षेत्रफल तीनों मंजिल का एक जैसा दर्शाया गया है। इस कारण से संपत्तिकर भी ज्यादा वसूला जा रहा है। इसकी शिकायत नगर निगम के राजस्व विभाग में करने पर कभी निगम मुख्यालय तो कभी जोन कार्यालय में दुरुस्त कराने को कहा जाता है।

इस मामले में गलती नगर निगम के राजस्व विभाग की है, लेकिन इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। हर संपत्तिकर ज्यादा वसूला जा रहा है। वार्ड के पार्षदों को भी इसकी जानकारी देने के बाद अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।

जीआईएस सर्वे के दौरान लोगों की थी आपत्ति

बता दें कि वार्डों में जब जीआईएस सर्वे किया जा रहा था, उस दौरान वार्डों के रहवासियों ने आपत्ति ली थी। क्योंकि सर्वे के दौरान किसी का मकान किसी के नाम पर दिखा दिया गया था। जिसका क्षेत्रफल 1000 वर्गफीट था, उसे दो हजार वर्गफीट दिखा दिया गया था।

उस दौरान लोगों की नाराजगी को देखते हुए वार्ड के पार्षदों ने भी मोर्चा खोलकर जीआईएस सर्वे का भारी विरोध किया था। इसके बाद सर्वे को ही कुछ दिनों के लिए रोक दिया गया था, लेकिन तत्कालीन नगरीय प्रशासन मंत्री के निर्देश के बाद फिर से सर्वे में सुधारकर सर्वे कराया गया।

केस -1

चौरसिया कॉलोनी के कृष्णा होम्स में एसआर साहू का प्लॉट साइज 500 वर्गफीट है। इसमें 450 वर्गफीट पर निर्माण है। पहली मंजिल पर भी इतना ही निर्माण कार्य किया गया है, लेकिन निगम द्वारा संपत्तिकर के डिमांड नोट में टोटल कवर एरिया 1800 वर्गफीट दिखाया गया है। इसी तरह इस कॉलोनी में अन्य लोगों के घरों का वर्गफीट भी गलत दर्शाया गया है।

केस- 2

राजधानी रायपुर के बैरन बाजार इलाके में मोहम्मद सागीर का मकान का 1000 वर्गफीट है। इनका भी पहली मंजिल का मकान है। इनके मकान को भी 2500 वर्गफीट दर्शाया गया है। इसे सुधरवाने के लिए वे पिछले एक साल से कभी जोन कार्यालय तो कभी निगम मुख्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन आज तक सुधार नहीं हुआ है।

प्रशासन एवं विकास मंत्री अरुण साव ने कहा की संपत्तिकर संबंधी जो भी परेशानी लोगों को हो रही है। उसे शीघ्र सुधार कराया जाएगा। लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसलिए लोगों की समस्याओं का तत्काल निराकरण करने के निकायों के अधिकारियों को दिए जाएंगे।