
भाजपा के ये दिग्गज नेता उन्हीं नेताओं के लिए मांग रहे वोट जिनसे 2018 में हारे थे चुनाव,भाजपा के ये दिग्गज नेता उन्हीं नेताओं के लिए मांग रहे वोट जिनसे 2018 में हारे थे चुनाव,भाजपा के ये दिग्गज नेता उन्हीं नेताओं के लिए मांग रहे वोट जिनसे 2018 में हारे थे चुनाव
रायपुर. मरवाही उपचुनाव (Marwahi Bypoll) के बीच ऋचा जोगी की जाति विवाद (Richa Jogi Caste Certificate Issue) का मामला शांत होते नजर नहीं आ रहा है। वहीं भाजपा भी खुलकर इस विवाद में कूद गई है। भाजपा के पूर्व मंत्री और मरवाही चुनाव प्रभारी अमर अग्रवाल ने कांग्रेस की नीति पर सवाल उठाते हुए ऋचा जोगी के पक्ष में बड़ा बयान दिया है। इसके अलावा बृजमोहन अग्रवाल ने बयान दिया है, सरकार मनमानी पर उतर आई है और चुनाव लड़ने से रोकना चाहती है।
पूर्व मंत्री अग्रवाल ने जाति विवाद से जुड़ा एक ट्वीट किया है। इसमें अग्रवाल ने लिखा है, राज्य के पहले मुख्यमंत्री रहे अजीत जोगी कांग्रेस मंत्रिमंडल के नेता थे। वे मरवाही की एसटी सीट से उपचुनाव जीते। आज उसी जोगी परिवार के बेटा और बहू मरवाही सीट से अपनी दावेदारी कर रहे हैं, तो जाति प्रमाण पत्र के नाम पर कांग्रेस आपत्ति कर रही है।
सोच पर सवाल उठाया
पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल ने कांग्रेस की सोच पर सवाल उठाए है। उन्होंने कहा, कोई कांग्रेस से चुनाव लड़े तो जाति प्रमाण पत्र मान्य है, नहीं तो गड़बड़ है? कांग्रेस को अपनी इस सोच का खुलासा जनता के सामने करना चाहिए है।
पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक बृजमोहन ने कहा, मुझे लगता है, शासन को इस प्रकार की गतिविधियों में नहीं लगना चाहिए। मतलब चुनाव सामने है, तो चुनाव लड़ने की तैयार करनी चाहिए। यही लोकतंत्र के हित में होगा। सरकार अपनी मनमानी और तानाशाही पर उतर आई है और चुनाव लड़ने से रोकना चाहती है।
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी (Chhattisgarh Former CM Ajit Jogi) की बहू ऋचा जोगी की जाति प्रमाणपत्र (Richa Jogi Fake Caste Certificate issue) को लेकर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। कांग्रेस आदिवासी विधायकों ने इस मामले में राज्यपाल से भी शिकायत की है। कांग्रेस विधायकों का आरोप है कि मरवाही विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित है।
फर्जी जाति प्रमाण के आधार पर पूर्व में दिवंगत अजीत जोगी इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते आ रहे थे। उच्चस्तरीय छानबीन समिति ने 23 अगस्त 2019 को उनका जाति प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया था। वह मामला उच्च न्यायालय में लंबित है। उसके लंबित रहने तक उनके परिवार के किसी सदस्य को अनुसूचित जनजाति वर्ग का नहीं माना जा सकता। अब उनकी पुत्रवधु ऋचा जोगी ने वैसा ही प्रमाणपत्र हासिल किया है।
Updated on:
10 Oct 2020 02:42 pm
Published on:
10 Oct 2020 02:35 pm
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