
62 साल का राजनितिक वनवास हुआ ख़त्म, दंतेवाड़ा सहित बस्तर संभाग में लहराया कांग्रेस का परचम
रायपुर . By pool Election Result: दंतेवाड़ा उप चुनाव के नतीजे ने 62 साल पुराना रेकॉर्ड तोड़ दिया है। 1957 में हुए दंतेवाड़ा विधानसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस ने कभी भी 11 हजार से अधिक वोटों से चुनाव नहीं जीत सकी थी। वहीं भाजपा को यह चुनाव एक बड़ा झटका दे गया है। बलीराम कश्यप का गढ़ माने जाने वाले बस्तर से भाजपा पूरी तरह साफ हो चुकी है। हालांकि चित्रकोट विधानसभा उप चुनाव में भाजपा उम्मीद की किरण देख रही है।
दंतेवाड़ा उप चुनाव के लिए कांग्रेस-भाजपा दोनों ने अपनी पूरी ताकत लगा दी थी। इसके बाद भी ऐसे कई बातें सामने आई, जो भाजपा की हार की बड़ी वजह बनी। यहां माओवादियों के डर से प्रदेश नेतृत्व ज्यादा प्रभावी तरीके से काम नहीं कर सका। चुनाव में स्थानीय और बाहरी का मुद्दा भी प्रमुखता से छाया रहा है। वहीं राजनीति के जानकारों का मानना है कि ज्यादातर उप चुनाव में सत्ताधारी दल की ही जीत होती है। जबकि भाजपा यह आरोप लगा रही है कि पूरा प्रशासनिक तंत्र भाजपा के एजेंट के तौर काम किया है।
कौशिक बोले चित्रकोट की जीत से लेंगे हार का बदला
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि दंतेवाड़ा उपचुनाव में हार का बदला हम चित्रकोट विजय से लेंगे। दंतेवाड़ा में हमारी हार प्रशासनिक भयादोहन व धन बल वजह से हुई है। लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात कहने का अधिकार है, लेकिन दंतेवाड़ा में हमें हर जगह पर प्रशासन की तरफ से रोका जा रहा था। कांग्रेस की जीत एक अपवित्र गठजोड़ की वजह से हुई है, इसके खिलाफ हमारी लड़ाई हमेशा जारी रहेगी।
कांग्रेस ने कहा, सरकार के कामकाज से मिली जीत
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि बस्तर में शांति की बहाली और खुशहाली का जनता ने पंजा छाप पर बटन दबाकर स्वागत किया। यह भूपेश बघेल सरकार के सकारात्मक कार्यों की जीत है। त्रिवेदी ने जीत का श्रेय कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार की उपलब्धियों के साथ-साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की मेहनत को दिया है।
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Published on:
27 Sept 2019 11:01 pm
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