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CG Hospital: एमआरआई व सीटी स्कैन जांच के लिए 15 दिनों का इंतजार, डीकेएस में जांच से वेटिंग होगी खत्म

CG Hospital: रायपुर शहर के आंबेडकर अस्पताल में एमआरआई व सीटी स्कैन जांच के लिए मरीजों को 15 दिनों का इंतजार करना पड़ रहा है।

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CG Hospital: छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर के आंबेडकर अस्पताल में एमआरआई व सीटी स्कैन जांच के लिए मरीजों को 15 दिनों का इंतजार करना पड़ रहा है। डीकेएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में जांच होने से वेटिंग खत्म होने की संभावना है। इसके लिए डायग्नोस्टिक सेंटर को भुगतान करना होगा। दरअसल डीकेएस में डायग्नोस्टिक सेंटर पीपीपी मोड पर चल रहा है। ऐसे में वहां मरीजों की फ्री जांच नहीं हो सकती।

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CG Hospital: आंबेडकर से भेजे जाने वाले मरीजों की नहीं होगी जांच फ्री में

स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने गुरुवार को नेहरू मेडिकल कॉलेज में स्वशासी समिति की बैठक में वेटिंग खत्म करने के लिए डीकेएस में जांच के लिए रूपरेखा बनाने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद पत्रिका ने अस्पताल के अधिकारियों से बात की तो पता चला कि आंबेडकर से भेजे जाने वाले मरीजों की जांच फ्री में नहीं हो पाएगी। इसके लिए शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजना पड़ेगा। मरीजों का भुगतान ऑटोनाॅमस फंड से किया जाएगा।

दरअसल आंबेडकर में दोनों जांच फ्री होती है। आयुष्मान भारत योजना के पैकेज में ये महंगी जांच फ्री हो जाती है। इसमें ओपीडी में आने वाले मरीज भी शामिल हैं। 10 साल पहले इस संबंध में शासन ने विशेष प्रस्ताव बनाकर ओपीडी में आने वाले मरीजों की फ्री जांच का प्रावधान किया था। जबकि, डीकेएस समेत दूसरे अस्पतालों में जब मरीज भर्ती होगा, तभी आयुष्मान योजना से फ्री जांच का लाभ मरीजों को मिलेगा। स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश के बाद अस्पताल प्रबंधन ने रूपरेखा बनाने की दिशा में काम भी शुरू कर दिया है। इस संबंध में प्रस्ताव जल्द ही शासन के पास भेजा जाएगा।

सीटी एंजियोग्राफी करने के लिए नहीं मिली अनुमति

आंबेडकर में पिछले 6 माह से सीटी इंजेक्टर बंद होने के कारण मरीजों की सीटी एंजियोग्राफी नहीं हो पा रही है। इन मरीजों को डीकेएस समेत निजी डायग्नोस्टिक सेंटर में 8 से साढ़े 8 हजार रुपए खर्च करना पड़ रहा है। डीकेएस में जांच फ्री हो जाए, इसलिए अस्पताल प्रबंधन ने तीन माह पहले कमिश्नर मेडिकल एजुकेशन को प्रस्ताव बनाकर भेजा था। इसमें मरीजों की जांच के लिए डायग्नोस्टिक सेंटर को ऑटोनाॅमस फंड से भुगतान करने की बात कही गई थी। हालांकि सीएमई ने इसकी अनुमति नहीं दी और मरीज परेशान हैं। नसों के ब्लॉकेज का पता सीजी एंजियोग्राफी जांच से पता चलता है। मेडिसिन के अलावा कार्डियोलॉजी व कार्डियक सर्जरी वाले मरीजों को ये जांच की जरूरत पड़ती है। रोजाना दो से तीन मरीज ऐसे आते हैं।