
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ( Photo - patrika )
CG Aiims: छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर में कोरोनाकाल में एम्स में भर्ती 63.5 फीसदी कोरोना के मरीज पुरूष थे। जिन मरीजों की मौत हुई, उनमें ज्यादातर हाई ब्लड प्रेशर व डायबिटीज से ग्रसित थे। उन्हें दूसरी गंभीर बीमारियां भी थीं। इस डेटा के लिए आईसीएमआर ने एम्स की सराहना की है। साथ ही डायरेक्टर लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. अशोक जिंदल (सेवानिवृत्त) को अवार्ड से नवाजा भी है। ये अवार्ड 25 अगस्त को दिल्ली में दिया गया। इस प्रोजेक्ट के लिए एम्स को डेढ़ करोड़ का अनुदान मिला था।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने 13 परामर्शदात्री संस्थानों में एम्स रायपुर को भी चुना है। पूरे भारत से 51,781 कोरोना मरीजों का डेटा एकत्र किया गया। ये डेटा महामारी को समझने व इसके इलाज के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ है या भविष्य में होगा। मरीजों के कॉमन लक्षणों में बुखार, खांसी व सांस फूलना भी रहा, जो जगजाहिर है। ये एम्स के डेटा से भी स्पष्ट हुआ है।
अधिकारियों का दावा है कि अपना एम्स पीजीआई चंडीगढ़ के बाद दूसरा सबसे बड़ा रोगी डेटा देने वाले के रूप में उभरा है। यह उपलब्धि जनरल मेडिसिन, माइक्रो बायोलॉजी और बायोस्टेटिस्टिक्स विभागों के काम से मिली है। इसमें प्रधान अन्वेषक डॉ. त्रिदिप दत्ता बरुवा व सह अन्वेषक डॉ. पंकज कन्नौजे का योगदान रहा।
Published on:
11 Sept 2024 12:19 pm
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