
छत्तीसगढ़ में 15000 करोड़ की काली कमाई का पर्दाफाश ( Photo - Patrika )
CG Scam Expose: प्रदेश के 25 वर्ष के इतिहास में पिछले 5 साल में एक के बाद एक हुए 7 घोटाले दाग बनकर उभरे हैं। इन घोटालों के जरिए 15000 करोड़ रुपए से ज्यादा की अवैध वसूली का खेल चला। इन घोटालों में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के मंत्री के साथ ही प्रदेश के नौकरशाह, बड़े व्यापारी और ठेकेदार तक शामिल रहे। (CG News) इन घोटालों के कारण ही प्रदेश में सबसे ज्यादा केंद्रीय एजेंसियां भी चर्चा में रहीं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू), केंद्रीय अन्वेंषण ब्यूरो (सीबीआई) किसी न किसी घोटाले में छापेमारी करती रही हैं। यह एजेंसियां परत दर परत खुलासे करती जा रही हैं।
2019 से 2024 तक महादेव सट्टा, शराब, कस्टम मिलिंग, सीजीएमएससी, कोयला, डीएमएफ और भारतमाला परियोजना मुआवजा में कमीशनखोरी हुई। ईडी और ईओडब्ल्यू के छापे में उजागर घोटालों की जांच के दौरान अवैध वसूली, कमीशनखोरी के साक्ष्य, निवेश के दस्तावेज मिलने पर 50 से अधिक लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचाया गया। 29 आबकारी अधिकारियों, 8 डिस्टलरी संचालकों को आरोपी, आधा दर्जन से ज्यादा को फरार और अन्य को आरोपी बनाया गया। 2 से लेकर 5 चालान पेश करने के साथ करोड़ों की संपत्तियां अटैच की गईं।
देश-विदेश में फैले महादेव सट्टा ऐप के माध्यम से युवाओं को बरगलाने और कम समय में अधिक पैसे कमाने का लालच देकर सट्टेबाजी के अपराध में उतारा गया। इस मामले में महादेव सट्टा ऐप के प्रमोटर्स सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल और शुभम सोनी फरार घोषित किए गए हैं। तीनों के विदेश भागने के कारण रायपुर के विशेष न्यायाधीश की अदालत द्वारा गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। वहीं, ईडी ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर घोटाले का ब्योरा दिया है। केंद्र द्वारा रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया गया है।
ईडी ने 9084 पन्ने का परिवाद पेश किया है। इनमें आपराधिक परिवाद 197 पन्नों का, जबकि इससे संबंधित अभिलेख 8887 पन्नों का है। इसमें सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल, चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर, अनिल धमानी, सुनील धमानी, विशाल आहूजा, धीरज आहूजा, पूनाराम वर्मा, शिव कुमार वर्मा, यशोदा वर्मा और पवन नत्थानी का नाम बतौर आरोपी शामिल है। इनमें चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर, अनिल धमानी और सुनील धमानी को आरोपी बनाया है। घोटाले की जांच राज्य पुलिस ने शुरू की थी। बाद में ईडी और ईओडब्ल्यू ने एंट्री की। अभी मामले को सीबीआई को सौंपा गया है।
3200 करोड़ रुपए का शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ। इसका खुलासा ईओडब्ल्यू के साथ ही ईडी ने किया। तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा, कारोबारी अनवर ढेबर के साथ ही त्रिलोक सिंह ढिल्लन को जेल भेजा जा चुका है। दोनों जांच एजेंसी द्वारा 30000 पन्नों के 5-5 चालान पेश किए गए हैं।
वहीं, छत्तीसगढ़ डिस्टलर, वेलकम डिस्टलर, टॉप सिक्योरिटी, ओम साईं ब्रेवरेज, दिशिता वेंचर, नेस्ट जेन पॉवर, भाटिया वाइन मर्चेंट व सिद्धार्थ सिंघानिया के साथ ही आबकारी अधिकारी प्रमोद नेताम, नीतू नोतानी, एलएस ध्रुव, इकबाल अहमद खान, जनार्दन सिंह कौरव, अरविंद कुमार पाटले, दिनकर वासनिक, नोहर ठाकुर, नवीन प्रताप तोमर, विकास गोस्वामी, रामकृष्ण मिश्रा, मंजूश्री कसेर, विजय सेन, अनिमेश नेताम, मोहित जायसवाल, गंभीर सिंह नुरूटी, नीतिन खंडुजा, अश्वनी अनंत, अनंत सिंह, सोनल नेताम, गरीब पाल सिंह, सौरभ बक्शी, जेठूराम मंडावी, देवलाल वैद्य, प्रकाश पाल, अलेख कुमार सिदार, आशीष कोसम, राजेश जायसवाल को आरोपी बनाया गया है। दो सगे भाई संजय एवं मनीष मिश्रा और अभिषेक सिंह सहित अन्य को गिरफ्तार किया गया है।
ई डी ने शराब घोटाले में 18 जुलाई, 2025 को पूर्व सीएम भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य को गिरफ्तार किया है। अभी वह न्यायिक रिमांड पर हैं। ईडी ने आरोप लगाया है कि चैतन्य को 16 करोड़ 70 लाख रुपए विभिन्न माध्यमों से मिले थे। वहीं, आपराधिक आय से अर्जित 1000 करोड़ रुपए को मनी लॉंड्रिंग और मनीट्रेल के जरिए खपाने का आरोप लगाया है।
ईओडब्ल्यू ने छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) घोटाले में तत्कालीन प्रभारी महाप्रबंधक बसंत कुमार कौशिक, बायो मेडिकल इंजीनियर छिरोद रौतिया, उपप्रबंधक कमलकांत पाटनवार, डॉ. अनिल परसाई, मेडिकल इंजीनियर दीपक कुमार बंधे और मोक्षित कार्पोरेशन के संचालक शशांक चोपड़ा को गिरफ्तार किया है। इन सभी लोगों के खिलाफ विशेष न्यायालय में 18 हजार पन्नों का चालान पेश किया गया है। बताया गया है कि 2023 में चिकित्सा उपकरण और रसायनों की खरीद में अनियमितता बरती गई।
करोड़ों की भारतमाला परियोजना में हुए मुआवजा घोटाले में अभनपुर नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष कुंदन बघेल, पूर्व जिला पंचायत सदस्य खेमराज कोसले, जमीन दलाल पुनुराम देशलहरे, भोजराम साहू और जलसंसाधन विभाग के अमीन गोपालराम वर्मा और सेवानिवृत नरेन्द्र कुमार नायक को ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है। वहीं, रियल एस्टेट कारोबारी हरमीत सिंह खनूजा, विजय जैन और उमा तिवारी एवं उसके पति केदार तिवारी को हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है। ईओडब्ल्यू के साथ ही संभागायुक्त महादेव कावरे के निर्देश पर गठित विशेष टीम जांच कर रही है। अब तक करीब 48 करोड़ रुपए के घोटाले के इनपुट मिल चुके हैं। जांच एजेंसी और विशेष टीम का दावा है कि इसमें करोड़ों रुपए का खेल हुआ है।
ई ओडब्ल्यू ने 2021 से 2023 के बीच हुए जिला खनिज न्यास निधि (डीएमएफ) में घोटाले में 6000 पन्नों का चालान पेश किया है। इस प्रकरण में ईओडब्ल्यू और ईडी ने मामले की जांच करने के बाद निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू, मुख्यमंत्री कार्यालय में तत्कालीन उप सचिव सौम्या चौरसिया, आदिवासी विकास विभाग की तत्कालीन सहायक आयुक्त माया वारियर, तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर और डीएमएफ (कोरबा) के नोडल अधिकारी भरोसा राम ठाकुर और तीन तत्कालीन जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) मुनेश्वर सिंह राज, वीरेंद्र राठौर और राधेश्याम मिर्झा तथा व्यवसायी सूर्यकांत तिवारी और बिचौलिया मनोज द्विवेदी सहित अन्य को आरोपी बनाया गया था।
सभी को जेल भेजा गया था। इसमें से रानू और सौम्या को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद रिहा किया जा चुका है। यह खेल डीएमएफ की राशि से कमीशन लेने अपने करीबी लोगों को निविदा जारी की गई थी। इसमें बड़े पैमाने पर मिलीभगत करके रुपयों की बंदरबांट की गई थी।
ई डी और ईओडब्ल्यू की ओर से 140 करोड़ रुपए के कस्टम मिलिंग घोटाले में मार्कफेड के तत्कालीन एमडी मनोज सोनी और राइस मिल एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर को गिरफ्तार कर चालान पेश किया गया है। आरोप है कि कस्टम मिलिंग के एवज में राइस मिलरों से 20 रुपए प्रति क्विंटल कमीशन की वसूली होती थी। मामले में मनोज सोनी जमानत पर रिहा किया गया है। ईओडब्ल्यू ने शराब घोटाले में जेल भेजे गए सेवानिवृत आईएएस अनिल टूटेजा और होटल कारोबारी अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया है। इस समय प्रकरण की जांच चल रही है।
ईओडब्ल्यू ने कोयला घोटाले के मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी, निलंबित आईएएस समीर विश्नोई, रानू साहू , पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार के दौरान सीएम दफ्तर की उप सचिव सौम्या चौरसिया सहित अन्य को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। उक्त सभी के खिलाफ चालान भी पेश किया गया। इसमें आरोप लगाया गया कि 25 रुपए प्रति टन के हिसाब से 2020 और 2022 के बीच वसूली होती थी। इस प्रकरण में समीर विश्नोई, रानू साहू ,सौम्या चौरसिया सहित अन्य को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद सभी को रिहा किया जा चुका है। वहीं, 2022 से फरार नवनीत तिवारी को पिछले दिनों गिरफ्तार और प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष को फरार घोषित किया गया है।
Updated on:
30 Jul 2025 07:22 pm
Published on:
30 Jul 2025 07:11 pm
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