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नेपाल में कर रहा था योगा, परिजनों ने वीडियो कॉलिंग कर कहा- अरे मोहित तू टॉप कर गया

कहते हैं कि हौसले होने मात्र से ही कामयाबी नहीं मिलती। सफलता के लिए कठिन परिश्रम, डेडिकेशन और प्लानिंग की जरूरत होती है।

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mohit sahu

रायपुर . कहते हैं कि हौसले होने मात्र से ही कामयाबी नहीं मिलती। सफलता के लिए कठिन परिश्रम, डेडिकेशन और प्लानिंग की जरूरत होती है। सीजी बोर्ड के नतीजों से यही निचोड़ सामने आता है।

बुधवार को दसवीं और बारहवीं के फाइनल नतीजे घोषित किए। जिसमें राजधानी से दसवीं में गुढि़यारी स्थित तिलक भारती हायर सेकेंडरी स्कूल के छात्र मोहित साहू ने चौथी रैंक और संत कंवर राम हायर सेकंडरी स्कूल कटोरा तालाब की चुनेश्वरी साहू ने सातवीं रैंक हासिल की है। बारहवीं में प्रयास के छात्र हरीश कुमार रात्रे ने दसवीं रैंक और जेआर दानी स्कूल की सुरभि ने व्यावसायिक पाठ्यक्रम में पूरे स्टेट में फस्र्ट पोजीशन हासिल की है।

मोहित साहू 97.50 प्रतिशत से उत्तीर्ण हुए हैं। मोहित साउथ एशियन योगा कॉम्पिीटिशन नेपाल में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। पत्रिका प्लस की टीम और अपने परिवार से उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस करके अपनी खुशी जाहिर की। मोहित की मां कामिनी साहू ने बताया कि वह बचपन से ही होनहार है और मुझे यकीन था कि उसकी मेहनत एक दिन रंग लाएगी। मोहित के पिता सब्जी का व्यापार करते हैं और उसकी बहन सुमन भी बारहवीं में 75 फीसदी माक्र्स से पास हुई है। मोहित के पिता खेमलाल साहू ने बताया कि हमेशा से सपना था कि एक दिन मेरा बेटा नाम कमाए और वह शुरू से ही पढ़ाई के प्रति सजग रहता है। मोहित ने बताया कि वह ब्रह्मकुमारी को अपना आइडल मानता है और योगा में अपना कॅरियर बनाना चाहता है। मोहित के बड़े भाई रोहित बीकॉम कर रहे हैं।

मैं डॉक्टर बनकर फ्री में गरीबों का इलाज करूंगी। यही लक्ष्य लेकर मैं आगे बढ़ती रही। मां ने भी मुझे बेटे की तरह पाला और सपने साकार करने में मदद की। यह कहना है 10 वीं बोर्ड के नतीजों में ७वें स्थान पर रही रायपुर स्थित श्यामनगर निवासी चुनेश्वरी साहू का।


अप्रत्याशित नतीजे से उत्साहित पिता जागेश्वर साहू ने कहा मां की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए और गरीबों की सेवा का लक्ष्य संजोए चुनेश्वरी ने सफलता की पहली सीढ़ी चढ़ ली है। चुनेश्वरी ने अपनी मां और मेरे नाम के साथ ही रायपुर का नाम भी रोशन किया। उसने 96.83 प्रतिशत के साथ राजधानी में प्रथम व प्रदेश में सातवां रैंक प्राप्त किया है।

उन्होंने बताया कि रोजाना स्कूल से आने के बाद पढ़ाई करने बैठ जाती और कक्षा में देने वाले होमवर्क को पूरा करने के बाद ही आगे की पढ़ाई करती। डॉक्टर बनने की प्रेरणा घर की स्थिति से मिली। पिता गैस एजेंसी में काम करते हैं। चुनेश्वरी ने कहा, घर में कैसी भी स्थिति हो, लेकिन कभी भी पापा ने पढ़ाई में अड़चन नहीं आने दी। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय शिक्षकों व घर वालों को दिया।

शासकीय जेआर दानी गल्र्स हायर सेकंडरी स्कूल की छात्रा सुरभि जायसवाल ने 12 वीं (व्यावसायिक) में प्रदेश में टॉप किया है। 92.89 अंकों के साथ सरकारी स्कूल और शहर का नाम रोशन किया है। उनके पापा का निधन हो चुका है जबकि मम्मी प्राइवेट जॉब करती हैं। सुरभि ने बताया कि इंग्लिश कमजोर था, लेकिन यहां के शिक्षकों का काफी सपोर्ट रहा। सभी विषय में टीचर्स ने मेरे लिए मेहनत की थी। नोट्स बनाकर पढ़ाई करना मेरे लिए फायदेमंद साबित रहा। आगे मैं बीकॉम करने के बाद पुलिस विभाग में सेवाएं दूंगी। पुलिस सुरक्षा का पर्याय है। खासतौर पर मुझे वुमेंस सेफ्टी की दिशा में काम करना है।

बारहवीं में दसवीं रैंक लाने वाले प्रयास के छात्र हरीश कुमार रात्रे ने 94.20 फीसदी अंक लाए हैं। हरीश के पिता वीरेंद्र कुमार शिक्षक हंै। कुटेरा जिला बालोद के हरीश साल 2016 में प्रयास में आए और अपनी मेहनत के बल पर आज अपने साथ पूरे विद्यालय का नाम रोशन किया है। उन्होंने बताया कि मैं हमेशा से पढ़ाई ज्यादा करता हूं और इंजीनियर बनने का सपना है। मेरे पापा ने कभी भी घर की आर्थिक स्थिति के बारे में नहीं बताया। उनका एक ही कहना रहा है कि केवल मन लगाकर पढ़ाई करो। हाल ही में हरीश ने जेइइ मेंस में 3200 रैंक लाए थे। वे अपना आदर्श कलक्टर ओपी चौधरी और अपने पिता को मानते हैं। वे आइटी में अपना कॅरियर बनाना चाहते हैं।