
CG By Election: रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में तैयारियां पूरी कर ली हैं। मतदाता सूची का भी अंतिम प्रकाशन कर दिया गया है। इस उपचुनाव में रायपुर दक्षिण विधानसभा में कुल दो लाख 70 हजार 936 मतदाता हैं। जो अपने नए विधायक का चुनाव करेंगे।
क्षेत्र में हर बार की तरह इस बार महिला वोटरों की संख्या पुरुष वोटरों से अधिक हैं। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी रीना बाबा साहेब कंगाले ने बताया कि रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 2,70,936 हैं, जिनमें से 1,33,713 पुरुष मतदाता एवं 1,37,171 महिला मतदाता पंजीकृत हैं। इस तरह पिछले चुनाव की तुलना में मतदाताओं की संख्या में 10,988 यानी 4.22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
10 संगवारी मतदान केंद्र भी महिला मतदान दल द्वारा संचालित किए जाएंगे। इसी प्रकार 5 आदर्श मतदान केन्द्र, 1 दिव्यांग संचालित मतदान केंद्र एवं 5 युवा संचालित मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। सभी मतदान केन्द्रों में बुजुर्गजनों और विकलांग मतदाताओं की सहायता के लिए 'मतदाता मित्र' आवश्यक सहयोग मौजूद रहेंगे।
उप चुनाव में प्रत्याशियों के लिए चुनावी खर्च सीमा भी तय की गई है। प्रत्याशी 40 लाख रुपए से ज्यादा खर्च नहीं कर पाएंगे। हर दिन के चुनाव खर्च का ब्योरा भी मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय को देना होगा। इसके अलावा सुबह 10 से शाम 6 बजे के बाद रैली और सभा नहीं कर सकेंगे। लाउड स्पीकर भी रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक प्रतिबंधित रहेगा।
रोड शो में सिर्फ 10 वाहनों का उपयोग कर सकेंगे। रैली पहले से तय मार्ग पर निकाली जाएगी। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बुधवार को प्रदेश के मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की बैठक ली। बैठक में रायपुर नगर (दक्षिण) विधानसभा उप-निर्वाचन के लिए आदर्श आचार संहिता, निर्वाचन व्यय, मतदान के दिन की व्यवस्था और भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों की जानकारी दी।
चुनाव आयोग द्वारा उप चुनाव की तिथि घोषित करने के बाद से ही भाजपा-कांग्रेस से कौन उम्मीदवार होंगे इस पर चर्चा तेज हो गई है। सब अपने-अपने स्तर पर कयास लगा रहे हैं। वहीं, भाजपा-कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के बीच भी दबी चुनाव से उम्मीदवार को लेकर चर्चा हो रही है कि इस बार पार्टी को नए चेहरे को टिकट देना चाहिए।
जिन नेताओं को पहले मौका मिल चुका है, उन्हें बिल्कुल भी टिकट नहीं देना चाहिए। संगठन के ही किसी ऐसे पदाधिकारी या कार्यकर्ता को टिकट देना चाहिए जो कभी न तो पार्षद चुनाव लड़े और न ही लोकसभा, विधानसभा में टिकट मिला है। ताकि पार्टी के अन्य पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार हो कि उन्हें भी भविष्य कभी मौका मिल सकता है।
रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए आचार संहिता लगते ही सियासत गरमाने लगी है। भाजपा-कांग्रेस के टिकट दावेदार एकदम से फिर से सक्रिय हो गए हैं। टिकट के लिए अपने-अपने आकाओं से संपर्क करने के अलावा अपने समर्थकों के माध्यम से भी दबाव बनाना शुरू कर दिए हैं।
वहीं, रायपुर दक्षिण विधानसभा में हर बार की तरह इस बार भी वोट काटने वाले उम्मीदवार भी फिर से सक्रिय होने लगे हैं। बता दें कि पिछले चुनाव में कुल 49 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे थे। इनमें दो भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवार शामिल हैं। जबकि बाकी 47 उम्मीदवार ऐसे थे, जो क्षेत्र में कभी सक्रिय नजर नहीं आते थे। एकदम से चुनाव में ही अपने बैनर पोस्टर और पंपलेट में नजर आते हैं। इनमें से अधिकांश की जमानत ही जब्त हो जाती है।
CG By Election: इस उपचुनाव में चुनावी बिसात भी एक अलग ही अंदाज में भाजपा-कांग्रेस द्वारा बिछाई जाएगी। क्योंकि क्षेत्र के कद्दावर भाजपा नेता और सांसद बृजमोहन अग्रवाल अब विधायक का चुनाव लड़ते थे तो एकतरफा ही चुनावी माहौल रहता था। उनके चुनावी प्रबंधन के आगे कांग्रेस के उम्मीदवार करीब-करीब हथियार ही डालते नजर आते थे। चूंकि इस बार भाजपा के नए प्रत्याशी रहेंगे, ऐसे में कांग्रेस के उम्मीवार पूरा जोर-शोर से चुनावी लड़ेंगे।
Updated on:
17 Oct 2024 04:34 pm
Published on:
17 Oct 2024 11:24 am
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