
CG Coal Scam: छत्तीसगढ़ के रायपुर ईओडब्ल्यू ने कोयला घोटाले में जेल भेजे गए सूर्यकांत तिवारी, उनके बड़े भाई रजनीकांत तिवारी, निखिल चंद्राकर और रौशन सिंह का नार्को टेस्ट कराने कोर्ट से अनुमति मांगी है। यह टेस्ट गुजरात के गांधीनगर स्थित लैब में किया जाएगा। इसके लिए कड़ी सुरक्षा में उक्त चारों को गांधीनगर ले जाया जाएगा। इसके लिए विशेष न्यायाधीश निधि शर्मा तिवारी की अदालत में ईओडब्ल्यू के विशेष अधिवक्ता सौरभ पांडेय की ओर से 10 पन्नों का आवेदन पेश किया गया है।
CG Coal Scam: इसमें सभी की भूमिका का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि यह घोटाला सिंडीकेट बनाकर किया गया। 500 करोड़ से ज्यादा के घोटाले में उक्त चारों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। इसे देखते हुए सभी का नार्को टेस्ट कराए जाने की जरूरत है। वहीं बचाव पक्ष ने जबाव पेश करने के लिए समय मांगा है।
इस आवेदन पर 16 को बचाव और अभियोजन पक्ष की दलील सुनने के बाद कोर्ट अपना फैसला सुनाएगी। बता दें कि इसके पहले 28 करोड़ रुपए के इंदिरा प्रियदर्शिनी महिला सहकारी बैंक घोटाले में तत्कालीन बैंक मैनेजर उमेश सिन्हा का नार्को टेस्ट करवाया गया था।
नार्को एनालिसिस टेस्ट में सोडियम पेंटोथल नामक एक दवा को अभियुक्त के शरीर में इंजेक्ट किया जाता है। यह दवा कृत्रिम निद्रावस्था या बेहोशी की अवस्था के साथ कल्पना को निष्प्रभावी कर देती है। इस सम्मोहक अवस्था में अभियुक्त को झूठ बोलने में असमर्थ रहता है और सवालों के जबाव भी देता है।
इसी तरह ब्रेन मैपिंग टेस्ट एक मशीन के तारों से जुड़ी एक टोपी मरीज के सिर पर रखी जाती है, जिसमें मस्तिष्क के विद्युत आवेगों को टोपी से तारों से जुड़े सॉफ़्टवेयर द्वारा रिकॉर्ड किया जाता है।
Published on:
15 Oct 2024 08:42 am
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