
CG Crime News: पं. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजी विभाग में शर्मशार करने वाली घटना हुई है। आरोप है कि विभाग के एचओडी ने मेडिसिन विभाग के सेकंड ईयर के छात्र के साथ न केवल गाली-गलौज की, बल्कि कॉलर तक पकड़ ली। छात्र के पिता का आरोप है कि इस घटना से उनका बेटा बेहोश हो गया और स्ट्रेचर पर लाना पड़ा। कार्डियोलॉजी विभाग के दूसरे डॉक्टर ने उनके बेटे का इलाज किया। छात्र के पिता ने डीन को लिखित में शिकायत कर एचओडी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
कार्डियोलॉजी विभाग की यह घटना 1 अक्टूबर की है। डीन को दिए पत्र में छात्र के पिता डॉ. प्रशांत पाटिल ने लिखा है कि कार्डियोलॉजी विभाग के फैकल्टी के आतंक के कारण रेजिडेंट डॉक्टर यानी पीजी छात्र शिकायत दर्ज नहीं करा पाते। 1 अक्टूबर को छात्र सार्थक पाटिल ने कार्डियोलॉजी की ओपीडी में दोपहर 2 बजे तक अकेले मरीजों का इलाज किया। रात 8 बजे काम पूरा करने के लिए आईसीयू पहुंचे।
एक मरीज की जानकारी एचओडी डॉ. स्मित श्रीवास्तव को फोन कर देने को कहा गया। मरीज की हिस्ट्रीशीट नहीं भरने पर डॉक्टर छात्र पर नाराज हो गए। मोबाइल फोन पर उन्हें डॉ. सार्थक के साथ दुर्व्यवहार किया और एमडी परीक्षा के दौरान रिजल्ट को लेकर धमकी दी। फिर उन्होंने असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. कुणाल ओस्तवाल को आईसीयू भेजा। यहां पर डॉ. कुणाल ने सार्थक के साथ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए अपमानित किया। इस दौरान मरीज व उनके परिजन वहां मौजूद थे।
डॉ. पाटिल ने डीन को लिखे पत्र में कहा है कि डॉ. कुणाल व डॉ. शर्मा जब वार्ड से निकल रहे थे, तब सार्थक ने माफी मांगने की कोशिश की, लेकिन कंसल्टेंट डॉक्टर निकल गए। इसके बाद सार्थक बेहोश होकर वहीं गिर गया। तब उन्हें स्ट्रेचर पर पास के वार्ड ले जाया गया। वहां डॉ. जावेद ने उनका इलाज किया। पत्र में कहा गया है कि कार्डियोलॉजी विभाग में पिछले कई दिनों से रेजिडेंट डॉक्टरों का उत्पीड़न हो रहा है। सीसीटीवी फुटेज में सार्थक के साथ की गई बदतमीजी का खुलासा हो सकता है। डीन से डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
इस मामले की शिकायत तब हुई है, जब डीन डॉ. तृप्ति नागरिया थीं। वहीं, मेडिसिन विभाग की एचओडी डॉ. देवप्रिया लकड़ा रही हैं। यह संयोग ही है कि पीजी छात्र जिस विभाग का स्टूडेंट है, उनकी एचओडी का तबादला अंबिकापुर हो गया है। वहीं, डीन डॉ. नागरिया का दुर्ग। अब इस मामले में नए डीन व एचओडी मामले को निपटाने की कोशिश करेंगे। शनिवार को इस बारे में चर्चा होती रही।
पत्रिका ने दो बार कार्डियोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. स्मित श्रीवास्तव से उनका पक्ष जानने के लिए कॉल किया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। वाट्सऐप पर इस मामले में उन्होंने बस यही कहा कि यह मामला किसी और का है। पत्रिका ने उनसे यही पूछा था कि पीजी छात्र से बदतमीजी करने, कॉलर पकड़ने व डिग्री रद्द करने की धमकी देने का आरोप है। मामले की शिकायत डीन से हुई है।
कार्डियोलॉजी विभाग के एचओडी द्वारा अगर पीजी छात्र से दुर्व्यवहार किया गया है, तो कॉलेज के लिए अच्छा मैसेज नहीं है। सोमवार को डीन का चार्ज लेने के बाद इस मामले को देखा जाएगा। इस मामले में कार्डियोलॉजिस्ट, छात्र व उनके पिता को बुलाकर बात की जाएगी।
Published on:
06 Oct 2024 10:58 am
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