
कंट्रोल रूम से रखेंगे वोट काउंटिंग पर नजर
रायपुर। CG Election result 2023 : छत्तीसगढ़ में 3 दिसम्बर का दिन कांग्रेस-भाजपा के लिए भी खास होने वाला है। इसी दिन तय होगा कि आम जनता ने किसके कामकाज पर अपना बटन दबाया है। किसी भी उलटफेर की संभावना को देखते हुए कांग्रेस-भाजपा दोनों ने अपना होमवर्क शुरू कर दिया है। दोनों ही दल चुनावी नतीजे आने के बाद जीतने वाले विधायकों की बाड़ाबंदी करने की रणनीति बना रहे हैं। दोनों पार्टियों के पास आंतरिक सर्वे की रिपोर्ट पहुंच गई है। राजनीतिक विश्लेषक भी मान रहे हैं कि सरकार किसी की भी बने, बहुमत के लिए जोर आजमाइश हो सकती है। देश के कई राज्यों में इस तरह के उदाहरण हैं।
कंट्रोल रूम से रखेंगे नतीजों पर नजर
कांग्रेस-भाजपा दोनों ने मतगणना की खास तैयारी की है। इसके लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है। दोनों दल के वरिष्ठ नेता कंट्रोल रूम से पूरे चुनावी नतीजों पर नजर रखेंगे। इसके लिए भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर और सह प्रभारी मनसुख मांडविया 2 दिसम्बर को रायपुर पहुंच जाएंगे। वहीं कांग्रेस प्रभारी कुमारी सैलजा भी रायपुर आ सकती हैं। सह प्रभारी विजय जांगेड़ 30 नवम्बर को रायपुर पहुंच जाएंगे। इनके अलावा दोनों दलों ने कंट्रोल रूम में वरिष्ठ नेताओं की तैनाती की है।
जीत के बाद सीधे पार्टी कार्यालय आने की हिदायत
चुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस-भाजपा दोनों अपने प्रत्याशियों के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। सभी प्रत्याशियों को हिदायत दी गई है कि जीत का प्रमाणपत्र लेने के बाद वे सीधे पार्टी मुख्यालय के लिए रवाना हो जाएं। इसके लिए हर प्रत्याशी के साथ दो से तीन वरिष्ठ नेताओं को अलग से तैनात किया गया है। यदि चुनावी नतीजों के बाद सरकार बनाने में कांटे की टक्कर नजर आती है, तो वरिष्ठ नेताओं की जवाबदारी रहेगी कि वो प्रत्याशियों को सही ठिकाने तक लेकर आए।
भाजपा विधायकों को भेजा जा सकता है असम
विधायकों के बाड़ाबंदी की नौबत आने पर भाजपा अपने जीते हुए विधायकों को प्रदेश के बाहर भी ले जा सकती है। यदि ऐसा होता है कि भाजपा के लिए भाजपा शासित राज्य असम सबसे अच्छी जगह हो सकती है। इस वजह से वह सबसे सुरक्षित जगह हो सकती है। बता दें कि असम विधानसभा चुनाव में वहां के कांग्रेसी विधायकों को छत्तीसगढ़ लाया गया था।
कांग्रेस के लिए कर्नाटक सबसे सुरक्षित
यदि कांग्रेस में बाड़ाबंदी की नौबत आती है, तो उनके लिए कर्नाटक सबसे अच्छी जगह हो सकती है। वहां कांग्रेस की सरकार है। विधायकों को पूरी तरह से सुरक्षा मिलने के साथ सेंधमारी की भी आशंका नहीं रहेगी। वहां उन पर निगरानी रखे जाने के साथ बाहरियों पर भी नजर रखी जा सकेगी।
इसलिए बाड़ाबंदी
कांग्रेस-भाजपा दोनों को बहुमत की उम्मीद है, लेकिन यदि कोई कोर-कसर रह जाती है, तो अपने विधायकों की बाड़ाबंदी से लेकर सामने वाले के विधायकों को तोड़ने तक का काम होगा। इसलिए सीटों की गणित पर ही आगे के दांव तय होंगे।
Published on:
30 Nov 2023 07:58 am
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