CG News: ओपीडी में मरीजों का इलाज
राजधानी में कोरोना के दो मरीज मिल चुके हैं और उनका इलाज
निजी अस्पतालों में चल रहा है। कोरोना मरीजों के इलाज से लेकर सैंपलिंग के लिए अस्पताल प्रबंधन ने मंगलवार को गाइडलाइन जारी की है। इसके अनुसार डीपी वार्ड के ग्राउंड फ्लोर में रोजाना सुबह साढ़े 8 से दोपहर ढाई बजे तक ओपीडी में मरीजों का इलाज किया जाएगा।
यहां मेडिसिन, रेस्पिरेटरी, एनीस्थीसिया व जनरल सर्जरी विभाग के सीनियर रेसीडेंट की ड्यूटी लगाई गई है। चारों विभाग के डॉक्टरों की ड्यूटी एक-एक सप्ताह तक लगाई जाएगी। इसके बाद दूसरे डॉक्टर यहां ड्यूटी करेंगे। संबंधित विभाग के ऑन कॉल डॉक्टर मरीजों का इलाज करेंगे। कोरोना के संदिग्ध मरीजों की ओपीडी में जनरल सर्जरी के डॉक्टरों की ड्यूटी चौंकाने वाली है। एक जनरल सर्जन क्या करेंगे, ये तो अस्पताल प्रबंधन को पता होगा।
अन्य विभागों के डॉक्टरों की ड्यूटी
हालांकि जब कोरोना के मरीज बढ़े थे, तब मार्च 2020 व 2021 में सभी डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई थी। इनमें ऑर्थोपीडिक सर्जन, स्किन स्पेशलिस्ट, जनरल सर्जन, रेडियोथैरेपी, रेडियोलॉजी, ईएनटी, ऑप्थलेमोलॉजी समेत नॉन क्लीनिकल के पीएसएम, एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, बायो केमेस्ट्री, फॉरेंसिक मेडिसिन समेत अन्य विभागों के डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई थी। अभी ऐसी स्थिति नहीं है कि जनरल सर्जन की ड्यूटी लगानी पड़े।
सुबह 9 से 4 बजे तक सैंपलिंग, फिर जांच अगले दिन
CG News: डीपी वार्ड में भी सुबह 9 से शाम 4 बजे तक सर्दी, खांसी, बुखार व सांस लेने में तकलीफ वाले मरीजों के स्वाब का सैंपल लिया जाएगा। सैंपलिंग का समय देखते हुए लगता है कि जांच अगले दिन की जाएगी। क्योंकि
मेडिकल कॉलेज में माइक्रो बायोलॉजी विभाग के डॉक्टर व टेक्नीशियन की ड्यूटी सुबह 10 से शाम 5 बजे तक होती है। सीएमओ कमरे में ड्यूटीरत वार्ड ब्वॉय सैपंल पहुंचाने का काम करेगा।
वहीं, आपात स्थिति में आने वाले मरीजों की जांच सीएमओ कक्ष में उपलब्ध किट से की जाएगी, ताकि रिपोर्ट तत्काल मिल सके और पॉजीटिव आने पर पेइंग वार्ड में इलाज के लिए शिफ्ट किया जा सके। फिलहाल केवल फर्स्ट फ्लोर में मरीज रखे जाएंगे। अगर बढ़ेंगे तो दूसरे फ्लोर को भी आइसोलेटेड किया जा सकता है।