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CG News: 22 से 25 अक्टूबर तक कृषि विवि में राष्ट्रीय कृषि मेला, मखाने की खेती के लिए किसानों को किया जाएगा जागरूक..

CG News: रायपुर शहर में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में 22 अक्टूबर से आयोजित होने वाले राष्ट्रीय कृषि मेले में किसानों को मखाने की खेती करने के लिए जागरूक किया जाएगा।

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CG News: छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में 22 अक्टूबर से आयोजित होने वाले राष्ट्रीय कृषि मेले में किसानों को मखाने की खेती करने के लिए जागरूक किया जाएगा। इसके लिए मखाने की खेती करने के सजीव तरीकों का प्रदर्शन किया जाएगा। मखाना एक जलीय फसल है।

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CG News: मखाने की खेती में फायदा ज्यादा

CG News: छत्तीसगढ़ में भी मखाने की खेती की शुरुआत इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के धमतरी स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के द्वारा की गई थी। स्वयं मखाने की खेती करने वाले राज्य के कृषि मंत्री ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की ओर से रायपुर में 25 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले किसान मेले में मखाना प्रसंस्करण एवं उत्पादन का संजीव प्रदर्शनी लगाने के निर्देश दिए हैं।

CG News: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कीट वैज्ञानिक डॉ.गजेंद्र चंद्राकर ने अपने आरंग विकासखंड के ग्राम लिंगाडीह में 30 एकड़ में मखाने की खेती प्रारभ की है और सफलतापूर्वक उत्पादन ले रहे हैं और साथ ही साथ मखाना के प्रसंस्करण भी कर रहे हैं। डॉ. चंद्राकर को पिछले 3 साल से बिहार में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय मखाना महोत्सव में अतिथि के रूप में बुलाया जा रहा है।

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CG News: धान से ज्यादा मुनाफा देने वाली फसल

ड्राइ फ्रूट में शामिल मखाना की खेती का प्रयोग धमतरी जिले से प्रारभ कर किसानों के खेतों में भी लगाने का प्रयास किया गया। यह पानी वाले स्थानों व दलदली क्षेत्रों, बांधों के तराई में खूब मुनाफा देने वाली फसल है। एक एकड़ में मखाना लगाने पर एक फसल में करीब 90 हजार रुपए से ज्यादा शुद्ध लाभ कमाया जा सकता है।

इसमें धान की फसल की अपेक्षा मेहनत थोड़ी ज्यादा है लेकिन इसमें नुकसान की आशंका लगभग शून्य व अन्य खर्च भी बेहद कम है। एक बार लगाने के बाद फसल तैयार होने पर मखाना निकालने के लिए जाना पड़ता है। मखाना की फसल आने के बाद यदि बीज से मखाना निकालकर बेचा जाता है तो फायदे को तीन गुना तक बढ़ाया जा सकता है।