
CG School: प्रदेशभर के निजी स्कूल प्रबंधनों ने आरटीई की प्रतिपूर्ति राशि पिछले दो सालों से भुगतान नहीं होने से स्कूल शिक्षा विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने एक सप्ताह के अंदर आरटीई की प्रतिपूर्ति राशि बकाया 300 करोड़ के भुगतान करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर अल्टीमेटम दिया है।
एसोसिएशन ने बकाया भुगतान समेत सभी लंबित मांगों पर जल्द निर्णय लेने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव का पत्र लिखा है। एक सप्ताह में निर्णय नहीं लेेने पर प्रदेश स्तरीय चरणबद्ध आंदोलन की चेतावनी दी है। स्कूल शिक्षा विभाग के अलावा परिवहन विभाग को भी लंबित मांगों को लेकर एसोसिएशन ने पत्र लिखा है। (Chhattisgarh News) उल्लेखनीय है कि आरटीई की प्रतिपूर्ति राशि गत वर्षों का 100 करोड़ और वर्तमान सत्र का 220 करोड़ रुपए बकाया है।
आरटीई की प्रतिपूर्ति राशि 300 को अविलम्ब स्कूलों के खातों में हस्तांतरित किया जाए।
12 वर्षों से आरटीई की राशि में कोई वृद्धि नहीं की गई है, जिसे बढ़ाया जाए।
शैक्षणिक उपयोग की बसों को फिटनेस 12 की जगह 15 वर्ष तक दी जाए।
जीपीएस और पैनिक बटन को बाजार राशि में उपलब्ध कराई जाए।
आरटीई के तहत प्रवेशित विद्यार्थियों को पाठ्य पुस्तक, गणवेश एवं लेखन सामग्री उपलब्ध कराने के संबंध के न्यायालय के आदेश के अनुरूप आदेश जारी किए जाए
निजी स्कूलों में पढऩे वाली बालिकाओं को भी आरटीई के तहत सरस्वती साइकिल योजना का लाभ आरटीई के तहत प्रवेका बालिकाओं का दिया जाए।
शैक्षणिक सत्र के मध्य में 5 वीं एवं 8 वीं की केंद्रीयकृत परीक्षाओं की घोषणा की गई ह, इस वर्ष इन परीक्षाओं से निजी स्कूलों को इससे अलग रखा जाए।
स्कूल शिक्षा विभाग की नियमावली में प्रति वर्ष 220 दिन स्कूल के संचालन का नियम है, लेकिन गत वर्षों से प्रदेश में स्कूल 180 से 185 से ज्यादा संचालित नहीं हो रहें है शिक्षा के लगातार नुकसान से बचने के लिए कुछ छुट्टियों का अधिकार स्कूलों को दिया जाए।
बजट में आरटीई की प्रतिपूर्ति राशि हेतु 65 करोड़ का प्रावधान है, इसे बढ़ाकर 150 करोड़ किया जाए।
अशासकीय स्कूलों की मान्यता के लिए मान्यता नियमों को सरलीकृत एवं प्रदेश में एक समान किया जाए।
छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट ने एक सप्ताह का दिया समय
कुल आरटीई के निजी स्कूल- लगभग 7000 हजार
कुल विद्यार्थी अध्ययनरत- 4 लाख के आसपास
राशि बकाया- लगभग 320 करोड़
प्राथमिक कक्षाओं- 7000 रुपए प्रति छात्र
माध्यमिक - 11500 रुपए प्रति छात्र
हाई व हायर सेकंडरी में: 15000 रुपए प्रति छात्र
इतनी राशि बढ़ाने की मांग
प्राथमिक कक्षाओं- 15000 रुपए प्रति छात्र की जाए
माध्यमिक - 18000 रुपए प्रति छात्र की जाए
हाई व हायर सेकंडरी में: 25000 रुपए प्रति छात्र की जाए
Published on:
11 Dec 2024 07:46 am
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