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CG Weather Update: पोस्ट मानसून हुआ मेहरबान: अक्टूबर में 113% ज्यादा बारिश… अगले 2 दिन बारिश होने की संभावना

Weather Update: दो-तीन दिनों में मध्य छत्तीसगढ़ से मानसून वापसी के लिए समय अनुकूल है। मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिनों में दक्षिण छत्तीसगढ़ में मध्यम बारिश होने की संभावना है।

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IMD Heavy Rain alert

अगले 3-4 दिन तूफानी बारिश की संभावना- IMD

CG Weather Update: प्रदेश में अक्टूबर के 11 दिनों में 113 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। यह 20 सालों में सबसे ज्यादा है। दूसरी ओर रायपुर जिले में 10 सालों में सबसे ज्यादा पानी गिरा है। अक्टूबर में इस तरह बारिश का ट्रेंड कम ही रहा है। 30 सितंबर तक मानसूनी सीजन रहता है, लेकिन अक्टूबर में कभी-कभार बारिश होने का ट्रेंड रहा है।

इस बार पोस्ट मानसून ज्यादा ही मेहरबान है और किसानों की चिंता बढ़ गई है। प्रदेश में पिछले 11 दिनों में 70.8 मिमी पानी गिर चुका है। जबकि 33.3 मिमी सामान्य बारिश होती रही है। वहीं रायपुर जिले में 132.5 मिमी पानी गिरा है, जो सामान्य से 428 फीसदी अधिक है। यहां 11 अक्टूबर तक सामान्य रूप से 25.1 फीसदी पानी गिरता रहा है। शेष ञ्चपेज ११

2015 व 2018 में रायपुर जिले में अक्टूबर में बारिश ही नहीं हुई। 2019 में जरूर 113 मिमी से ज्यादा पानी गिरा। गौर करने वाली बात है कि अब प्रदेश में रायपुर में सबसे ज्यादा पानी गिरा है, जो कि एक रेकॉर्ड भी है। बीजापुर व बेमेतरा जिला ही ऐसा है, जहां सामान्य से कम पानी गिरा है। हालांकि ये किसानों के लिए संतोष की बात है कि उन्हें बेमौसम बारिश से ज्यादा नुकसान नहीं उठाना पड़ रहा है।

दो-तीन दिनों में मानसून की वापसी

दो-तीन दिनों में मध्य छत्तीसगढ़ से मानसून वापसी के लिए समय अनुकूल है। मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिनों में दक्षिण छत्तीसगढ़ में मध्यम बारिश होने की संभावना है। पिछले 24 घंटे में अंतागढ़ में 9, मैनपुर में 7, लोहंडीगुड़ा में 6, बालोद में 5, चारामा व भानुप्रतापपुर में 4-4 सेमी पानी गिरा। कई स्थानों पर इससे कम बारिश हुई। रायपुर में 2.1 मिमी बारिश हुई।

धान किसानों की चिंता बढ़ी

बेमौसम बारिश से अर्ली वेराइटी की धान की फसल पक चुकी है और काटने का समय आ गया है। बारिश के बाद पक चुकी फसल खेत में गिर रही है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के रिटायर्ड एचओडी डॉ. के.के. साहू के अनुसार इन दिनों हो रही बारिश अर्ली वेराइटी के धान की फसल के लिए नुकसानदायक है। हालांकि देर से पकने वाले धान के लिए फायदेमंद है। प्रदेश में 25 फीसदी से ज्यादा किसान अर्ली वेराइटी का धान लेते हैं।


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