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पूर्व CM के बेटे पर गंभीर आरोप, ACB/EOW बोली- चैतन्य बघेल को अपने हिस्से में मिले 200-250 करोड़ रुपए

Liquor syndicate case: एजेंसी के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को कथित तौर पर शराब घोटाले से 200 से 250 करोड़ रुपये मिले।

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ACB/EOW की चार्जशीट में बड़ा आरोप (photo source- Patrika)

ACB/EOW की चार्जशीट में बड़ा आरोप (photo source- Patrika)

Liquor syndicate case: छत्तीसगढ़ पुलिस के एंटी-करप्शन ब्यूरो (ACB) और इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) ने सोमवार को एक बड़ा दावा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को कथित शराब घोटाले में 200 से 250 करोड़ रुपये मिले। एजेंसी ने इस मामले में अपनी सातवीं सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है, जिसमें एक्साइज डिपार्टमेंट के अंदर कथित शराब सिंडिकेट में शामिल लोगों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

Liquor syndicate case: अब तक कुल आठ चार्जशीट दाखिल

PTI के मुताबिक, चार्जशीट में कहा गया है कि सबूतों से पता चलता है कि चैतन्य बघेल ने अपराध से कमाए गए पैसों के मैनेजमेंट में अहम भूमिका निभाई और उन्हें अपने हिस्से के रूप में भारी रकम मिली। इस केस में अब तक कुल आठ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी हैं।

ACB/EOW के अनुसार, करीब 3,800 पन्नों की इस चार्जशीट में चैतन्य बघेल को 3,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के कथित शराब घोटाले में आरोपी बनाया गया है। इस घोटाले में चैतन्य बघेल से सिंडीकेट को मिलने वाले उच्चस्तरीय संरक्षण, नीतिगत/प्रशासनिक हस्तक्षेप एवं प्रभाव के कारण लम्बे समय तक इस अपराध को अंजाम देना बताया गया है। वहीं इस केस में अब तक कुल आठ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी हैं।

नेटवर्क के जरिए पैसों का लेन-देन

चार्जशीट में आरोप है कि चैतन्य बघेल ने व्यवसायी अनवर ढेबर की टीम द्वारा जुटाई गई कथित घोटाले की रकम को ट्रांसफर करने के लिए अपने भरोसेमंद नेटवर्क का इस्तेमाल किया। बताया गया है कि शराब कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लों की कंपनियों के जरिए उन्हें पैसा मिला, जिसे बाद में बैंकिंग चैनलों से परिवार से जुड़े व्यवसायों और रियल एस्टेट में निवेश किया गया।

ED भी कर रही जांच

प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अनुसार, परिवार, दोस्तों और सहयोगियों के जरिए घोटाले की रकम को अलग-अलग जगह निवेश किया गया। ED ने इसी मामले में 18 जुलाई को चैतन्य बघेल को हिरासत में लिया था। एजेंसी का दावा है कि इस घोटाले से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ, जबकि शराब सिंडिकेट से जुड़े लोगों को बड़ा फायदा मिला।

इस तरह हुआ घोटाला

Liquor syndicate case: चैतन्य बघेल, अनवर ढेबर की टीम के द्वारा एकत्र की गई घोटाले की रकम को अपने भरोसेमंद लोगों के माध्यम से उच्चस्तर तक पहुंचाने और उसको व्यवस्थापित करने का काम कर रहे थे। चैतन्य बघेल ने त्रिलोक सिंह ढिल्लन के विभिन्न फर्मो में, अपने हिस्से की रकम को प्राप्त कर बैंकिंग चैनल के माध्यम से अपने पारिवारिक फर्मों में प्राप्त किया। इसका उपयोग विभिन्न निर्माणाधीन रियल एस्टेट परियोजनाओं, पारिवारिक मित्रों, सहयोगियों के जरिए घोटाले की रकम बैंङ्क्षकग चैनल के माध्यम से निवेश किया।


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