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नवा रायपुर में बना छत्तीसगढ़ का पहला आदिवासी संग्रहालय, 12 साल तक एंट्री फ्री, गौरव दिवस जानें यहां क्या है खास

CG News: 12 साल तक के बच्चों की एंट्री फ्री रहेगी जबकि इसके ऊपर के लोगों को 50 रुपए देने होंगे। जनजातीय दिवस के मौके पर जानिए यहां क्या खास है।

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नवा रायपुर में बना छत्तीसगढ़ का पहला आदिवासी संग्रहालय, 12 साल तक एंट्री फ्री, गौरव दिवस जानें यहां क्या है खास

छत्तीसगढ़ का पहला आदिवासी संग्रहालय (Photo Patrika)

CG News: @ताबीर हुसैन। नवा रायपुर अटल नगर में स्थापित संग्रहालय आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की शौर्यगाथा को सजीव रूप में प्रस्तुत करता है। यह संग्रहालय इस संदेश को जीवंत करता है कि अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध विद्रोह करने का साहस सबसे बड़ी शक्ति है। प्रधानमंत्री मोदी ने 1 नवंबर को इसका उद्घाटन किया।

आम लोगों के लिए इसे 4 नवंबर से खोला गया। 14 नवंबर तक यहां 13295 विजिटर्स आ चुके हैं। सोमवार को यह संग्रहालय बंद रहता है। 12 साल तक के बच्चों की एंट्री फ्री रहेगी जबकि इसके ऊपर के लोगों को 50 रुपए देने होंगे। जनजातीय दिवस के मौके पर जानिए यहां क्या खास है।

क्यूआर कोड से पूरी जानकारी

आगंतुकों को प्रत्येक दीर्घा में आदिवासी विद्रोह का विवरण डिजिटल बोर्ड पर उपलब्ध रहेगा। वे संग्रहालय में प्रदर्शित मूर्तियों और घटनाओं को जीवंत रूप में अनुभव कर सकेंगे। प्रत्येक दीर्घा के सामने लगे स्कैनर से मोबाइल द्वारा क्यूआर कोड स्कैन कर संबंधित जानकारी तुरंत प्राप्त की जा सकती है।

14 गैलरियों में इतिहास

यह प्रदेश का पहला संग्रहालय है, जो विशेष रूप से छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के शौर्य और बलिदान को समर्पित है। यह स्मारक-सह-संग्रहालय आने वाली पीढ़ियों को अपने पुरखों के संघर्षों और बलिदानों की स्मृति से जोड़े रखेगा। 50 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित यह संग्रहालय 14 गैलरियों में विभाजित है, जिनमें अंग्रेजी शासन काल में हुए विभिन्न आदिवासी विद्रोहों के 650 से अधिक मूर्तिशिल्प प्रदर्शित किए गए हैं। जनजातीय विद्रोहों को सहज रूप में समझाने के लिए यहां डिजिटल माध्यमों का भी प्रयोग किया गया है।