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CG News: नवा रायपुर स्थित पुलिस मुख्यालय में तैनात एक कंपनी कमांडर ने खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली। उनका खून से लथपथ शव उनके बैरक में मिला है। उनका साथी जवान बाहर से लौटा, तब इसका खुलासा हुआ। करीब चार माह पहले भी सीएएफ के एक जवान ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी।
उस दौरान पीएचक्यू में हड़कंप मच गया था। पुलिस के मुताबिक छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की 14वीं बटालियन में कंपनी कमांडर के तौर पर पदस्थ अनिल सिंह गहरवार पुलिस मुख्यालय की सुरक्षा में तैनात थे।
रविवार को वे बैरक के अपने कमरे में थे। इस दौरान अचानक उन्होंने खुद को गोली मार ली। उस समय बैरक के अन्य जवान भी नहीं थे। उनका रूम पार्टनर जवान भी बाहर गया था। शाम को वह लौटा, तो कमरे का दरवाजा भीतर से बंद मिला। काफी खटखटाने के बाद भी दरवाजा नहीं खुला, तो उन्होंने खिड़की से भीतर देखा। भीतर का दृश्य देखकर वह सकते में आ गया। खून से लथपथ अनिल का शव पड़ा था। इसकी सूचना उन्होंने पुलिस अधिकारियों को दी। इसके बाद मौके पर राखी पुलिस पहुंची। एसएसपी लाल उमेंद सिंह व अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। खुदकुशी के कारणों का पता नहीं चल पाया है। मृतक मूलत: मध्यप्रदेश के रीवा के रहने वाले हैं। लंबे समय से परिवार सहित दुर्ग में रह रहे थे।
अनिल आरक्षक के पद पर भर्ती हुआ था। वन टाइम प्रमोशन में एक स्टार हुआ था। नक्सली मारने के बाद दोबारा प्रमोशन मिला था। सूत्रों के मुताबिक मृतक और एपीसी के बीच पिछले हफ्ते विवाद हुआ था। इसकी जानकारी अधिकारियों को भी थी। इसके बावजूद दोनों को एक जगह तैनात रखा गया था। सीनियर से विवाद और जांच को लेकर तनाव में थे। घर वालों को 7 बजे तक पता नहीं था। फोन नहीं लग रहा था। इस पर परिजनों ने पूछताछ की, तो मौत की जानकारी मिली। उन्हें भी जानकारी नहीं दी गई थी।
पुलिस मुख्यालय में इससे करीब चार माह पहले एक जवान ने जमकर गोलीबारी की थी। सिपाही राकेश यादव ने 9 अप्रैल को बैरक के बाहर अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी। लगातार 12 से 15 गोलियां चलाई। इससे आसपास सनसनी फैल गई थी। पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया था। इससे पहले मंत्री दयालदास बघेल के बंगले में तैनात सुरक्षा गार्ड ने खुद को गोली मार ली थी।
Updated on:
30 Dec 2024 09:17 am
Published on:
30 Dec 2024 09:14 am
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