
रसूखदारों द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जे का खुला खेल चल रहा
Raipur news : राजधानी में रसूखदारों द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जे का खुला खेल चल रहा है। ताजा मामला हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर कब्जा करने का सामने आया है। दौंदेखुर्द में हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी से लगी 7 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन है। इस भूमि पर कब्जा कर 12 दुकानें तान दी गई हैं। इस मामले की तहसीलदार से शिकायत की गई थी। इस पर तहसीलदार ने जांच की और 16 जून तक अवैध निर्माण तोड़ने के लिए बेदखली आदेश भी जारी किया।
इसके बाद भी रसूखदारों ने अवैध निर्माण नहीं तोड़ा। नोटिस की अवधि पूरी होने के बाद तहसीलदार ने न तो अवैध निर्माण तोड़ा न ही कब्जा करने वालों पर कोई कार्रवाई की है। अब मामले में हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा और कलेक्टर ने कार्रवाई करने की बात कही है। अवैध निर्माण और कब्जे के मामले में धरसींवा जनपद पंचायत अध्यक्ष उत्तरा भारती के पति कमल भारती के नाम से तहसीदार ने नोटिस भेजा था, लेकिन उन्होंने नोटिस लेने से इंकार कर दिया था। बोर्ड की जमीन पर बनीं 12 दुकानें।
यह है मामला
हाउसिंग बोर्ड द्वारा आवेदन दिया गया था कि ग्राम दोंदेखुर्द पटवारी हल्का क्रमांक 13 के खसरा क्रमांक 220/2, 220/3 रकबा क्रमश: 4.0765, 3.9932 हेक्टेयर भूमि 30 साल पहले हाउसिंग बोर्ड को आवंटित की गई थी। (cg news in hindi) अभी यह भूमि राजस्व रेकार्ड में हाउसिंग बोर्ड के नाम पर दर्ज है। उक्त भूमि के भाग पर गांव के कुछ व्यक्तियों द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर दुकान का निर्माण किया जा रहा है। आवेदक द्वारा उक्त भूमि के अवैध कब्जा को हटाए जाने का नोटिस दिया गया था।
पटवारी ने भी पहले ही दी थी सूचना
पूर्व में भी हुई शिकायत जांच के संबंध में हल्का पटवारी ने प्रतिवेदन दिया गया था कि खसरा नंबर नं. 220/3 का भाग 38 मीटर 3 6.20 मीटर का 12 पक्की दुकानें बनाई जा रही हैं। (chhattisgarh news) हाउसिंग बोर्ड के आवेदन प्राप्त होने पर संहिता की धारा 250 (ख) के तहत अनावेदकगणों को नोटिस जारी किया गया था, लेकिन उस दौरान भी कार्रवाई नहीं हुई।
इनके नाम से जारी किया गया नोटिस
अवैध निर्माण करने वाले कमल भारती द्वारा नोटिस लेने से मना कर दिया गया था। इसके बाद अन्य कब्जेदार रामवरण वर्मा, गंगाधर सोनवानी, (cg news) प्रभुराम जांगडे द्वारा लिखित आपत्ति 2 मई को पेश किया गया। जिसमें कहा गया कि उक्त भूमि का विधिवत सीमांकन नहीं हुआ है। अनावेदकगण 15-20 वर्षों से काबिज है। कोई दस्तावेज पेश नहीं किया गया है।
Published on:
26 Jun 2023 11:49 am
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