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दसलक्षण महापर्व: उत्तम आर्जव दिवस मनाया, श्रीवासुपूज्य भगवान का स्वर्ण कलशों से किया अभिषेक

Festival 2023 : श्रीआदिनाथ दिगम्बर जैन बड़ा मंदिर पंचायत ट्रस्ट मालवीय रोड में पर्वाधिराज दसलक्षण पर्यूषण महापर्व पर आज तीसरे दिन उत्तम आर्जव दिवस मनाया गया।

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दसलक्षण महापर्व: उत्तम आर्जव दिवस मनाया, श्रीवासुपूज्य भगवान का स्वर्ण कलशों से किया अभिषेक

दसलक्षण महापर्व: उत्तम आर्जव दिवस मनाया, श्रीवासुपूज्य भगवान का स्वर्ण कलशों से किया अभिषेक

रायपुर। Festival 2023 : श्रीआदिनाथ दिगम्बर जैन बड़ा मंदिर पंचायत ट्रस्ट मालवीय रोड में पर्वाधिराज दसलक्षण पर्यूषण महापर्व पर आज तीसरे दिन उत्तम आर्जव दिवस मनाया गया। ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष संजय नायक एवं सचिव राजेश रज्जन जैन ने बताया कि प्रतिदिन की तरह आज प्रात: 7 बजे 12वें तीर्थंकर श्रीवासुपूज्य भगवान का 4 स्वर्ण कलशों से अभिषेक किया गया। प्रथम इंद्र मुकेश जैन, श्रुत जैन, विवेक-अर्पित जैन को अभिषेक का सौभाग्य प्राप्त हुआ। रिद्धि सिद्धि शांति प्रदाता शांति धारा करने का सौभाग्य अमृत लाल गौरव जैन को प्राप्त हुआ। तत्पश्चात आरती एवं सामूहिक पूजन किया गया।

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कुटिल भाव से दूर रखता है सरलता का भाव

सांगानेर राजस्थान से आए विद्वान ब्रम्चारी पं. अंशुल शास्त्री ने अपने वक्तव्य में बताया कि सरलता का भाव-आर्जव हमें हमारे कुटिल भाव से दूर रखता है। आर्जव धर्म में हमें अपने मन वचन काय को एक जैसा रखने के लिए बताता है। मायाचारी व्यक्ति को तिर्यंच गति में ले जाती है, इसलिए आर्जव हमें सिखलाता है बालक के समान सरल होना। सीधी लकड़ी ही चूल्हे में जलाई जाती है। टेढ़ी नहीं और भगवान भी सीधे ही मोक्ष जाते हैं। अगर मन वचन के में कुटिलता हो तो आर्जव की उत्पत्ति असंभव है।

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संस्कारी बहु नाटक का किया मंचन

सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रभारी कोषाध्यक्ष लोकेश जैन एवं प्रणीत जैन ने बताया कि धार्मिक के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें महावीर मण्डल फाफाडीह द्वारा संस्कारी बहु नाटक का मंचन किया गया है।

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संस्कारी बहु एक लघु नाटिका है, जिसके द्वारा हम समाज को यह संदेश देना चाहते हैं कि वर्तमान परिवेश में आज-कल की बहुएं किट्टी पार्टी, मोबाइल एवं अन्य भौतिक संसाधनों में लिप्त होती जा रहीं हैं और धर्म के प्रति रुझान कम होता जा रहा, जिसके कारण परिवार में अशांति और कलेश का वातावरण उत्पन्न हो जाता है। एक संस्कारी बहु किस तरह परिवार को जोड़ सकती है, एवं घर में सुख, शांति, समृद्धि ला सकती है। यही इस लघु नाटिका का मुख्य उद्देश्य है।