6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

ED Raid: घोटालों की नदी यहां तक बही! मैनपुर-गरियाबंद में ईडी की छापेमार कार्रवाई, कई दस्तावेज जब्त

ED Raid: शराब और डीएमएफ घोटाले को लेकर ईडी की टीमों ने बुधवार को रायपुर, गरियाबंद तथा मैनपुर में तीन चावल कारोबारियों के ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की है।

3 min read
Google source verification
ED Raid

ED Raid: पूर्ववर्ती सरकार के बहुचर्चित शराब, डीएमएफ घोटाला मामले में ईडी ने बुधवार को गरियाबंद और मैनपुर में छापे मारे। गरियाबंद में हसन रजा मेमन के घर टीम ने घंटों दस्तावेज खंगाले। उसके तार रायपुर के चावल कारोबारी रफीक मेमन से जुड़े बताए जा रहे हैं। टीम ने रफीक के घर भी छापा मारा है। इसी तरह दूसरी कार्रवाई मैनपुर में इकबाल मेमन के घर की गई। उसे शराब घोटाले का मास्टर माइंड माने जाने वाले अनवर ढेबर का मौसा बताया जा रहा है।

ED Raid: लोगों ने ईडी से की थी शिकायत

इसके बेटे गुलाम मेमन के खिलाफ कुछ दिन पहले जाड़ापदर के लोगों ने ईडी से शिकायत की थी। इसमें ग्रामीणों ने बेरोजगार गुलाम द्वारा 2-3 सालों में ही करोड़ों की संपत्ति जुटाने की शिकायत की थी। दरअसल, गुलाम जाड़ापदर में एक राइस मिल खोलने जा रहा है। गांव के लोगाें का कहना है कि इस जमीन के करीब ही उनका देव स्थल है।

धार्मिक मान्यताओं को दरकिनार करते हुए आखिर इसे राइस मिल खोलने की मंजूरी कैसे दे दी गई? इसी बात से नाराज ग्रामीण महीनों से आंदोलन कर रहे थे। कई दफे जिला प्रशासन से गुहार करते थक गए, तो ईडी से शिकायत की। इसमें बताया गया कि गुलाम अनवर ढेबर का मौसेरा भाई है। वह बेरोजगार है। इसके बावजूद उसने कुछ ही सालों में अपने नाम पर 2 से ढाई करोड़ की संपत्ति इकट्ठी कर ली है।

इस छापेमारी में कई अहम साक्ष्य मिलने की बात

इसी तरह गरियाबंद के हसन द्वारा भी कुछ ही समय में अकूत संपत्ति इकट्ठा करने की बात सामने आई है। रायपुर के चावल कारोबारी रफीक से तार जुड़ने के बाद घोटालों में हसन की भूमिका भी संदेह के दायरे में है। पूर्ववर्ती सरकार के बहुचर्चित घोटालों की कड़ियों को जोड़ने के सिलसिले में की गई इस छापेमारी में कई अहम साक्ष्य मिलने की बात सामने आई है।

इनमें लेनदेन के दस्तावेजों के साथ प्रॉपर्टी के कागजात, बैंक ट्रांजेक्शन, निवेश, इलेक्ट्रानिक साक्ष्य समेत अन्य दस्तावेज हैं। जांच के लिए इन सभी को जब्त कर लिया गया है। माना जा रहा है कि जांच की आंच में अभी कई और फंसेंगे। इधर, कमार जनजाति बोल रही है- बस छापा काफी नहीं, मिल पर रोक लगाओ।

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ में ED की रेड, विनोद वर्मा, आशीष बंछोर, मनीष वर्मा और विजय भाटिया के यहां पड़ा छापा

घर में लोग सो रहे थे बाइक से पहुंची टीम

बताते हैं कि छापेमारी के लिए ईडी की टीम सुबह बाइक पर सवार होकर गरियाबंद और मैनपुर पहुंची। जिस वक्त टीम संदेहियों के घर पहुंची, उस वक्त परिवार में कई सदस्य सोकर भी नहीं उठे थे। इसके बाद घंटों तक घरों में दस्तावेज खंगालने का कार्यक्रम चला। (Chhattisgarh News) बताते हैं कि ईडी लगातार अनवर ढेबर की संपत्तियों और इन्वेस्टमेंट की तलाश में लगी है। पता चला है कि अनवर ने बोगस बिल में अपना इन्वेस्टमेंट शो किया था।

इसी दौरान ग्रामीणों की शिकायत मिली। ऐसे में टीम को यहां अनवर की बेनामी संपत्ति का शक पुख्ता हो गया। बुधवार को इसी सिलसिले में कार्रवाई की गई है। बताते हैं कि इन इन्वेस्टमेंट्स के लिए फंड सीधे रायपुर से भेजा गया था।

मैनपुर में ईडी का छापा

मैनपुर ब्लॉक मुख्यालय से 3 किमी दूर जाड़ापदर के ग्रामीणों का कहना है कि ईडी का छापा काफी नहीं है। इस गांव में रहने वाले ज्यादातर लोग विशेष पिछड़ी जनजाति (कमार) से आते हैं। इनकी मांग है कि उस राइस मिल पर रोक लगाई जाए, जो उनके देव स्थल के करीब है। इसके लिए उन्होंने राजभवन तक पदयात्रा का मन भी बन लिया है। इस सफर पर वे 20 दिसंबर को रवाना होंगे।

राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र घोषित

रायपुर पहुंचकर राज्यपाल को इस बारे में राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौपेंगे। कमार समाज ने बुधवार शाम जाड़ापदर में विशाल बैठक बुलाकर इस फैसले पर मुहर भी लगा दी है। तुहामेटा जाड़ापदर में समाज के अध्यक्ष बीजउराम और उपाध्यक्ष श्यामलाल कमार कहते हैं, हमारी अपनी मान्यताएं हैं, परंपराएं हैं। इन्हें सहेजने की दृष्टि से ही देश में हमें राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र घोषित किया गया। इतनी सी बात प्रशासन को समझ नहीं आती।

यही बात समझाने के लिए अब हम पैदल चलकर रायपुर जाने को मजबूर हो गए हैं। देव स्थल के आसपास किसी भी तरह की व्यापारिक व अन्य गतिविधि मंजूर नहीं है। राजभवन में बात न बनी, तो और ऊपर जाएंगे। किसी कीमत पर राइस मिल नहीं खुलने देंगे। बैठक में नोहर सिंह, गरुड़, महेंद्र सिंह, खामसिंह, अंजोर, गौतम, दुर्जन, फूलचंद, जगदीश, हीरालाल, मनमोहन, ओंकार सिंह मौजूद रहे।