
छत्तीसगढ़ में भी एसआईआर जल्द (Photo source- Patrika)
Fake Voters: बिहार चुनाव से पहले देशभर में चर्चा में आए मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्यक्रम की शुरुआत छत्तीसगढ़ में भी जल्द होगी। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने अपने स्तर पर इसकी तैयारी शुरू कर दी है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद चरणबद्ध तरीके से कार्यक्रम जारी किया जाएगा। संकेत मिले हैं कि छत्तीसगढ़ में इसकी शुरुआत अक्टूबर से हो सकती है।
हालांकि त्योहारों को देखते हुए इसमें बदलाव भी किया जा सकता है। यह तय है कि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय वर्ष 2003 की मतदाता सूची के आधार पर एसआईआर शुरू करेगा। इसके आधार पर फर्जी या फिर गलत मतदाताओं की खोज की जाएगी। प्रदेश के डिप्टी सीएम विजय शर्मा भी छत्तीसगढ़ में एसआईआर शुरू करने की वकालत कर चुके हैं।
जानकारी के मुताबिक, एसआईआर शुरू होने पर सभी मतदाताओं को वर्ष 2003 की मतदाता सूची के आधार पर अपनी जानकारी देनी होगी। उन्हें अपना ईपिक कार्ड दिखाना होगा। इससे यह प्रमाणित होगा कि मतदाता का नाम 2003 से मतदाता सूची में दर्ज है, जो व्यक्ति इसे प्रमाणित नहीं कर सकेगा, उन्हें दूसरे दस्तावेज जमा करने होंगे। एसआईआर के दौरान ऐसे लोगों की भी पहचान की जाएगी, जिनकी मृत्यु हो गई है और उनके नाम अब भी मतदाता सूची में दर्ज है।
भारत निर्वाचन आयोग ने सितम्बर में मुख्य निर्वाचन अधिकारियों का सम्मेलन नई दिल्ली में किया था। इसमें कहा गया है कि कोई भी योग्य नागरिक मतदाता सूची से न छूटे और कोई भी अयोग्य व्यक्ति इसमें शामिल न हो। साथ ही यह भी दोहराया गया कि नागरिक आसानी से अपना दस्तावेज जमा कर सकेे।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंटों को भी प्रशिक्षण देकर तैयार करेगा। इसके लिए कांग्रेस से 7 अक्टूबर तक बूथ लेवल एजेंटों की जानकारी मांगी गई है। इसके बाद 9 व 10 अक्टूबर को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
आम मतदाताओं को राहत देने के लिए छत्तीसगढ़ मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने एक नई पहल की है। इसके तहत कोई भी मतदाता सीईओ छत्तीसगढ़ की वेबसाइट पर जाकर 2003 की मतदाता सूची में अपना नाम देख सकता है। इसके लिए वेबसाइट में दो अप्शन दिए गए हैं। पहला तत्काल सर्च है। इसमें मतदाता विधानसभा के आधार पर अपना नाम खोज सकते हैं। इस प्रक्रिया में मतदाता के नाम/नाम के शब्दखंड को विधानसभा के सभी भागों मे सर्च किया जाता है।
Fake Voters: दूसरा सामान्य सर्च है। इसमें ईपिक कार्ड या नाम के आधार पर 2003 की मतदाता सूची में नाम खोज सकते हैं। इस प्रणाली मे मतदाता के डिटेल को अपने नाम के शब्दखंड या ईपिक के आधार पर सर्च किया जाता है। इसमें पूरे राज्य के डेटाबेस में सर्च किया जाता है। ऐसे में एक नाम के कई मतदाता की जानकारी सामने आ सकती है। इनमें विधानसभा अनुसार अपना डाटा देखकर अपने सही नाम की पहचान करनी होगी।
Updated on:
24 Sept 2025 11:45 am
Published on:
24 Sept 2025 11:44 am
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