
अजीत जोगी ने पीएम के नाम दिया ज्ञापन, कहा- घरों और जमीन से बेदखली का परिणाम है पत्थलगड़ी आंदोलन
रायपुर. छत्तीसगढ़ में चुुनावी आहट के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने शुक्रवार सुबह चुनाव आयुक्तों से मिलकर अपनी नवगठित जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ को चुनाव चिह्न आवंटन का आवेदन दिया और बाद में प्रधानमंत्री के नाम सात सूत्री ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में पत्थलगड़ी आंदोलन का जिक्र करते हुए राज्य को विशेष दर्जे की मांग की गई है। सुबह चुनाव आयुक्तों से मुलाकात के बाद जोगी पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ जंतर-मंतर से प्रधानमंत्री आवास की ओर रवाना हुए, लेकिन पुलिस ने कार्यकर्ताओं को संसद मार्ग थाने के पास ही रोक दिया।
बाद में जोगी तीन अन्य नेताओं के साथ प्रधानमंत्री आवास पहुंचे और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। ज्ञापन में छत्तीसगढ़ सरकार की नीतियों को जनता के लिए घातक बताते हुए कहा गया है कि प्रदेश का हर वर्ग सरकार के खिलाफ सडक़ों पर उतरा हुआ है। चारों ओर अराजकता का माहौल है। ज्ञापन में मांग की गई है कि 2013 के चुनावी वादे के अनुरूप में किसानों को समर्थन मूल्य के साथ ही बकाया बोनस का भुगतान किया जाए। इसके अलावा किसानों का ऋण भी माफ किया जाए। छत्तीसगढ़ में होने वाली भर्तियों में प्रदेश के युवाओं को 90 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए।
प्रदेश में बन रहे पोलावरम बांध के कार्य को तत्काल रोका जाए क्योंकि इससे 40 हजार परिवार निर्वासित हो रहे हैं। सरकार नगरनागर इस्पात संयंत्र के निजीकरण पर भी रोक लगाए। महानदी, इंद्रावती और कनहर नदी जल समझौते में छत्तीसगढ़ के हितों पर हुए कुठाराघात को रोका जाए क्योंकि इन नदियों के पानी पर पहला अधिकार प्रदेश के किसानों का है। जीएसटी में उत्पादन आधारित छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था को हो रहे नुकसान को रोका जाए और राज्य को 25 हजार करोड़ सालाना के नुकसान की भरपाई की जाए।
ज्ञापन में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ की 35 प्रतिशत से ज्यादा आबादी आदिवासी, अनसूचित क्षेत्रों में निवासी करती है, लेकिन उन्हें बेघर किया जा रहा है। इसका सीधा परिणाम पत्थलड़ी आंदोलन के रूप में सामने आया है। प्रदेश में माओवाद समस्या को देखते हुए राज्य को विशेष दर्जा दिया जाए।
Updated on:
07 Jul 2018 10:43 am
Published on:
07 Jul 2018 10:15 am
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