
CGMSC Scam: विधानसभा के बजट सत्र में शुक्रवार को सीजीएमएससी के दवा खरीदी में हुई अनियमितताओं का मुद्दा गूंजा है। भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने अपने ही मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को घेरा। इस दौरान दोनों के बीच तीखी बहस तक देखने को मिली।
सवाल-जवाब के दौरान विधायक ने मंत्री से कहा, भाषण मत दीजिए प्रश्न का उत्तर दीजिए। इसके कुछ देर बाद मंत्री ने कहा, अब मंत्री को अधिकार नहीं है कि जांच करके अफसर को सूली पर लटका दें। हालांकि उन्होंने रिएजेंट खरीदी में गड़बड़ी स्वीकार की और यह भी कहा कि सप्लायर और अधिकारियों की मिलीभगत से गड़बड़ी हुई है। खास बात यह है कि इस सवाल का जवाब करीब 1247 पन्नों में दिया गया था।
मंत्री ने अपने जवाब में बताया कि मोक्षित कॉर्पोरेशन से 8 से 10 गुना में खरीदी हुई है। अभी तक 700 उपकरण चालू नहीं है। उन्होंने वर्ष सामग्री खरीदी की जानकारी दी और बताया कि वर्ष 2023-24 में 385 करोड़ का क्रय आदेश जारी किया गया था। इसमें से 47 करोड़ का भुगतान हो गया है। 338 का भुगतान बाकी है।
मंत्री को बीच में टोकते हुए कहा, अरे भाषण मत दीजिए प्रश्न का उत्तर दीजिए। सवाल-जवाब के दौरान भी नोकझोंक देखने को मिली। इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने अजय चंद्राकर से कहा कि आप धैर्य से बैठिए, जवाब सुनिए।
मंत्री ने अपने जवाब में बताया कि मोक्षित कॉर्पोरेशन से 8 से 10 गुना में खरीदी हुई है। अभी तक 700 उपकरण चालू नहीं है। उन्होंने वर्ष सामग्री खरीदी की जानकारी दी और बताया कि वर्ष 2023-24 में 385 करोड़ का क्रय आदेश जारी किया गया था। इसमें से 47 करोड का भुगतान हो गया है। 338 का भुगतान बाकी है।
Q. विधायक चंद्राकर- विभाग में कितनी डिमांड थी? कितना बजट था और कितनी सप्लाई हुई?
Q. विधायक चंद्राकर- जब बजट नहीं था और खरीदी हुई, तो अफसरों पर क्या कार्रवाई हुई?
A. मंत्री- विस्तार से बताते हुए कहा-120 करोड़ का बजट था। 108 करोड़ आवंटन हुए थे और 385 करोड़ की खरीदी हुई है।
A.मंत्री- इन्हीं गड़बड़ियों के चलते सबसे बड़ी कार्रवाई की। सप्लाई करने वाला जेल में है, 15 अधिकारियों के खिलाफ एनओसी दी है। ईओडब्ल्यू जांच कर रही है।
Published on:
08 Mar 2025 08:29 am
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