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दोस्ती से हनी ट्रैप का खेल… ब्लैकमेलिंग पर खत्म! होटल–पब में शूट होते थे अश्लील Video, जानें Tomar भाइयों की नई करतूत…

Tomar Brothers Honey Trapped Case: तोमर ब्रदर्स के सूदखोरी और ब्लैकमेलिंग गैंग की करतूतें लगातार उजागर हो रही हैं। गैंग की ठगी का शिकार हुए एक सराफा कारोबारी ने अब सामने आकर बताया है कि किस तरह उसने करीब 1.5 करोड़ रुपए गंवा दिए।

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दोस्ती से हनी ट्रैप का खेल... ब्लैकमेलिंग पर खत्म! होटल–पब में शूट होते थे अश्लील Video, (photo-patrika)

दोस्ती से हनी ट्रैप का खेल... ब्लैकमेलिंग पर खत्म! होटल–पब में शूट होते थे अश्लील Video, (photo-patrika)

Tomar Brothers Honey Trapped Case: छत्तीसगढ़ की रायपुर में सक्रिय तोमर ब्रदर्स के सूदखोरी और ब्लैकमेलिंग गैंग की करतूतें लगातार उजागर हो रही हैं। गैंग की ठगी का शिकार हुए एक सराफा कारोबारी ने अब सामने आकर बताया है कि किस तरह उसने करीब 1.5 करोड़ रुपए गंवा दिए।

कारोबारी की खुलासों ने मामले की गंभीरता और गिरोह की पहुँच का अंदाजा बढ़ा दिया है। वहीं, कई अन्य पीड़ित अभी भी समाज में बदनामी और धमकियों के डर से आगे आने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं

Tomar Brothers Honey Trapped Case: दोस्ती से शुरू, फिर हनी ट्रैप और अंत में ब्लैकमेलिंग

जांच में खुलासा हुआ है कि वीरेंद्र और रोहित तोमर सिर्फ जबरन वसूली तक सीमित नहीं थे, बल्कि वे एक सुनियोजित हनी ट्रैप रैकेट भी चला रहे थे। गिरोह पहले कारोबारियों को निशाने पर लेता, उनसे दोस्ती बढ़ाता, फिर उन्हें बार–पब की पार्टियों में ले जाकर नशे की आदत डालता था। इसके बाद लड़कियों के साथ संदिग्ध स्थिति में अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग शुरू की जाती थी।

होटल–पब में नशे की हालत में वीडियो शूट

पीड़ित कारोबारी ने बताया कि उसकी पहली मुलाकात समता कॉलोनी के एक स्पा में ‘राज’ नाम के युवक से हुई थी। बाद में पता चला कि वह भी इसी गिरोह का हिस्सा है। राज नशे की हालत में उसे होटल और फ्लैट ले जाता, जहां लड़कियों के साथ वीडियो रिकॉर्ड किए जाते थे। यही वीडियो बाद में उसे फँसाने का हथियार बने।

25 हजार से शुरू हुई रकम, रोजाना 2 लाख तक पहुंची वसूली

शुरुआत में कारोबारी से 25 हजार रुपए वसूले गए। इसके बाद रकम बढ़कर पांच लाख तक पहुंच गई। पैसे न देने पर वीडियो वायरल करने की धमकी दी जाती। फिर उसे वीरेंद्र–रोहित के पास ले जाया गया, जहाँ 5 लाख के लोन का झांसा देकर 25% रकम काटकर सिर्फ 3.25 लाख दिए गए। इसके बाद उससे रोजाना 2 लाख रुपए तक की वसूली होने लगी।