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खरीफ फसल में ‘किसान न्याय योजना’ का लाभ लेने पंजीयन जरुरी, करना होगा ये काम

राज्य सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना (Rajiv Gandhi Kisan Nyay Yojana) अंतर्गत खरीफ 2021 से लागू प्रावधानों के क्रियान्वयन को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी गई है।

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रायपुर. राज्य सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना (Rajiv Gandhi Kisan Nyay Yojana) अंतर्गत खरीफ 2021 से लागू प्रावधानों के क्रियान्वयन को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी गई है। कृषि विकास एवं किसान कल्याण, जैव प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी गाइड-लाइन के अनुसार इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को अनिवार्य रूप से पंजीयन कराना होगा। पंजीयन राजीव गांधी किसान न्याय योजना के पोर्टल पर 1 जून से 30 सितंबर के तक किया जा सकेगा। इसके अंतर्गथ सभी श्रेणी के भू-स्वामी और वन पट्टा धारी कृषक पात्र होंगे। संस्थागत भू-धारक, रेगहा, बटाईदार और लीज खेती करने वाले कृषक इस योजना के पात्र नहीं होंगे।

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मंत्रालय से मिली जानकारी के मुताबिक प्रमुख फसल मक्का, कोदो -कुटकी, सोयाबीन, अरहर और गन्ना उत्पादक कृषकों को प्रतिवर्ष प्रति एकड़ के मान से 9,000 रुपए आदान सहायता राशि दी जाएगी। वर्ष 2020-21 में जिस रकबे से किसान द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान बेचा गया था, वह धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना,अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान अन्य फोर्टिफाइड धान, केला और पपीता लगाता है अथवा वृक्षारोपण करता है तो उसे प्रति एकड़ 10,000 रुपए के मान से आदान सहायता मिलेगी।

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वृक्षारोपण करने वाले कृषकों को 3 वर्ष तक आदान सहायता दी जाएगी। इस योजना का संचालन राज्य स्तर पर आयुक्त एवं संचालक कृषि और जिला स्तर पर कलेक्टर की देखरेख में उपसंचालक कृषि द्वारा किया जाएगा। इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन, निगरानी एवं अंतर विभागीय समन्वय का दायित्व मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति का होगा। योजना के अंतर्गत सम्मिलित फसल के रकबे के निर्धारण के लिए भुइया पोर्टल में संधारित गिरदावरी के आंकड़े को ही अधिकृत रूप से उपयोग किया जाएगा।

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किसानों को ये करना होगा
पंजीकृत कृषक को अपने आवश्यक दस्तावेज जैसे ऋण पुस्तिका, बी-1, आधार नंबर, बैंक पासबुक की छायाप्रति के साथ निर्धारित प्रपत्र में भरे हुए आवेदन का सत्यापन कृषि विस्तार अधिकारी से कराना होगा। जिसे निर्धारित समयावधि में संबंधित प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति में जमा कर कृषक वहां से पावती प्राप्त कर सकेगा। संयुक्त खातेदार का पंजीयन नंबरदार नाम से किया जाएगा। संबंधित कृषकों को आवेदन पत्र के साथ समस्त खाताधारकों की सहमति सह-शपथ पत्र और अन्य आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। आदान सहायता पंजीकृत कृषक नंबरदार के खाते में अंतरित की जाएगी। जिसका बंटवारा आपसी सहमति से खातेदार करेंगे।