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हनी ट्रैप: श्वेता की डायरी में मिले छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री और अफसरों के नाम, दो IFS करते थे सेटिंग

श्वेता की डायरी में हवाला के जरिए रकम भेजे जाने की जानकारी मिली है। सूत्रों का कहना है कि 1 से 3 करोड़ रुपए तक एक बार में भुगतान किया गया है।

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रायपुर. हनी ट्रैप कांड (MP Honey Trap Case) में पकड़ी गई श्वेता की डायरी में छत्तीसगढ़ के 11 पंछियों के नाम मिले हैं। अब तक 3 पूर्व मंत्री, 4 आईएएस, 1 आईपीएस और मीडिया हाउस से जुड़े एक वरिष्ठ व्यक्ति के बाद 2 आईएफएस अफसरों के नाम भी सामने आए हैं। यह नाम अंग्रेजी वर्णमाला में नाम के पहले, मध्य और उपनाम के पहले अक्षरों में लिखे गए हैं। मध्यप्रदेश पुलिस का विशेष जांच दल (एसआईटी) इसकी जांच में जुटा है।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के दोनों आईएफएस अफसरों की यहां महत्वपूर्ण भूमिका सामने आई है। दोनों इस नेटवर्क के सूत्रधार की भूमिका अदा करते थे। इन्हीं के जरिए हनी ट्रैप के गिरोहबाजों तक रकम पहुंचती थी। इसके अलावा वे अपने विभाग में उन्हें काम भी दिलाते थे। इसके एवज में उन्हें भी निर्धारित हिस्सा मिलता था।

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सूत्रों का कहना है कि उनके इशारे पर फर्जी नाम से दिल्ली, मुंबई, भोपाल और गोवा में 6 महीनों तक होटल बुक रहता था। दोनों अफसर ही छत्तीसगढ़ के बाकी पंछियों के जाने के पहले ही सारी व्यवस्था करते थे। काम पूरा होने के बाद वह हिसाब करने के बाद ही लौटते थे। यह सिलसिला काफी समय से चल रहा था। सालभर में पंछी कई बार इन होटलों में जाते थे।

बताया जा रहा है कि एसआईटी दिल्ली, मुंबई, गोवा, भोपाल और इंदौर में इन होटलों की शिनाख्त करने की कोशिश में जुटी है। शिनाख्त होने पर होटल के रजिस्टर और सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले जाएंगे, ताकि लोगों की पहचान हो सके। बता दें कि इंदौर के पलासिया थाने में 17 सितम्बर 2019 को इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन सिंह ने ब्लैकमेलिंग की शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें भोपाल की आरती दयाल पर आपत्तिजनक वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने की बात कही गई थी।

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शिकायत के बाद पुलिस ने आऱती दयाल के साथ-साथ मोनिका यादव, श्वेता विजय जैन और अन्य की गिरफ्तारी की थी। जांच के दौरान एक डायरी के पन्नों में उनके शिकार बने अफसरों, नेताओं, कारोबारियों के नाम भी मिले हैं। पुलिस को आशंका है कि इन महिलाओं के पास दूसरी डायरी भी हो सकती है। एसआईटी इसकी तलाश में जुटी हुई है। आशंका है कि इस प्रकरण में अभी बहुत से रसूखदार लोगों के नाम सामने आने बाकी है।

रैकेट का संचालन
हनी ट्रैप मामले में पकड़ी गई आऱती दयाल के साथ-साथ मोनिका यादव, श्वेता विजय जैन ब्लैकमेलिंग का पूरा रैकेट चलाती थी। दर्जनों युवतियों के उनसे जुड़े होने की जानकारी मिली है। उनके मोबाइल में दर्जनों मैसेज और फोन नंबर मिले हैं। इसकी कॉल डिटेल के आधार पर बातचीत करने वालों का नाम-पता निकाला जा रहा है। बताया जाता है कि इसमें से अधिकांश मोबाइल नंबर बंद हैं। आशंका जताई जा रही है कि पकड़े जाने के डर से इसे नष्ट कर दिया गया होगा।

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हवाला के जरिए भेजी जाती थी रकम
श्वेता की डायरी में हवाला के जरिए रकम भेजे जाने की जानकारी मिली है। सूत्रों का कहना है कि 1 से 3 करोड़ रुपए तक एक बार में भुगतान किया गया है। इसमें रकम भेजने वाले और भुगतान का स्थान भी लिखा हुआ है। इसमें मिली रकम का एसआईटी हिसाब कर रही है। बताया जाता है कि रकम का भुगतान होने के बाद सभी को तय कमीशन के आधार पर राशि मिलती थी।