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ATM यूजर हैं तो जान लीजिए कैसे होती है ठगी, लुट चुके हैं 5 साल में 10 करोड़

locationरायपुरPublished: Sep 16, 2017 11:17:58 am

Submitted by:

Lalit Singh

यदि आप एटीएम यूजर्स हैं तो आपके लिए यह खबर पढऩा जरूरी है। जानिए, किस तरह से एटीएम से ठगी की जाती है।

ATM
रायपुर. यदि आप एटीएम यूजर्स हैं तो आपके लिए यह खबर पढऩा जरूरी है। जानिए, किस तरह से एटीएम से ठगी की जाती है। आइए, हम आपको बताते हैं। छत्तीसगढ़ में एटीएम से ठगी करने वाले गिरोह ने 5 साल में 1500 से अधिक लोगों को अपना शिकार बनाया है। इस अपराध को अंजाम देने वाले 10 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी कर चुके है। राज्य पुलिस का अमला इससे निपटने के तैयारी में जुटा हुआ है। इसके लिए सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों से दर्ज अपराधों की संख्या मांगी गई थी।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सबसे अधिक रायपुर जिला और सबसे कम बलौदाबाजार में ठगी की वारदात हुई है। अपराध के बदलते हुए ट्रेंड से लोगों को अवगत कराने के लिए शीघ्र ही पुलिस मुख्यालय नई गाईडलाइन जारी करेगा। हाइटेक अपराधियों तक पहुंचने के लिए साइबर एक्सपर्ट की टीम का गठन भी किया जा रहा है।
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ठगी के तरीके

– एटीएम कार्ड का १६ डिजीट पिन और 3 डीजीट का सीबीबी नंबर पूछकर
-आरबीआई अफसर बनकर फोन पर एटीएम से संबंधित जानकारी पूछकर
-ऑनलाइन शॉपिंग के बाद कोड और बैंक खाता नंबर की जानकारी लेकर
-पैसा निकालने ठग गिरोह द्वारा फर्जी एटीएम थमाकर
-लाटरी और विभिन्न स्कीम का पैसा ट्रांसफर करने का झांसा एकाउंट का जानकारी
-ईमेल और पासवर्ड नंबर को सार्वजनिक करने से बचे
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बचने के उपाय

– किसी भी अंजान व्यक्ति को बैंक खाता, एटीएम नंबर की जानकारी नहीं दे
-एटीएम मशीन से पैसा निकालने के लिए किसी भी अंजान की मदद से बचे
-ऑनलाइन खरीदी करने के बाद पासवर्ड नंबर खुद डाले और इसकी गोपनीयता रखें।
-पैसा ट्रांसफर करते करते समय सावधानी बरते
-फोन पर किसी को भी बैंक और एटीएम नंबर की जानकारी शेयर नहीं करंे
-किसी भी तरह का साइबर अपराध होने पर पुलिस को तुरंत सूचना दे।
-ठगी होने पर ट्रांजेक्शन को रोकने के लिए एटीएम को तुरंत ब्लाक कराए
गाइडलाइन जारी होगी
साइबर अपराध को अंजाम देने वाले लगातार नए तरीके से इसे अंजाम दे रहे है। इसके बदल रहे ट्रेड की समीक्षा करने और लोगों को इससे बचने के लिए गाइडलाइन जारी की जाएगी।
आरके विज, एडीजी सीआईडी
खुद को करें सुरक्षित
साइबर क्राइम करने वाला अपराधी दिखाई नहीं देता लेकिन, हजारों किमी दूर बैठकर भी घटना को अंजाम देता है। इससे निपटने के लिए खुद को अलर्ट रहने की जरूरत है। इसका शुरूवाती 4 डिजीट ही कार्डधारक के प्रदेश और जिला के साथ ही जारी करने वाले का पूरा ब्यौरा मिल जाता है। इसके लिए एटीएम का नंबर और पासवर्ड की जानकारी किसी को भी नहीं दे।
आशुतोष दुबे, साइबर एक्सपर्ट

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