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अगर मुंह में हो गए हैं छाले तो करे ये उपाय

मुँह में छाले होने पर तेज जलन और दर्द होता है, कुछ भी खाना या पीना मुश्किल हो जाता है। कुछ लोगों को तो भोजन नली तक में छाले हो जाते हैं।

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अगर मुंह में हो गए हैं छाले तो करे ये उपाय

अगर मुंह में हो गए हैं छाले तो करे ये उपाय

रायपुर। मुँह में छाले होने पर तेज जलन और दर्द होता है, कुछ भी खाना या पीना मुश्किल हो जाता है। कुछ लोगों को तो भोजन नली तक में छाले हो जाते हैं। ये एक सामान्य तकलीफ है, जो कुछ समय बाद अपने आप ठीक हो जाती है। कुछ लोगों को ये छाले बार-बार होते हैं और परेशान करते हैं। जरूरी नहीं कि जिस कारण से किसी एक को छाले हुए हों, दूसरे व्यक्ति को भी उसी कारण से हो छालों के कारण आयुर्वेद के अनुसार मुँह में छाले पेट की खराबी तथा पेट की गरमी की वजह से होते हैं।

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कई बार कोई चीज खाते समय दांतों के बीच जीभ या गाल का हिस्सा आ जाता है, जिसकी वजह से छाले उत्पन्न हो जाते हैं। ऐसे छाले मुँह की लार से अपने-आप ठीक हो जाते हैं। एलोपैथिक दवाओं के दुष्प्रभाव (साइड इफेक्ट) की वजह से भी मुँह में छाले हो सकते हैं, विशेषकर लंबे समय तक एंटीबॉयोटिक दवाओं का इस्तेमाल करने से। अधिक मात्रा में एंटीबॉयोटिक का इस्तेमाल करने से हमारी आंतों में लाभदायक कीटाणुओं की संख्या घट जाती है। नतीजतन मुंह में छाले पैदा हो जाते हैं।

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दाँतों की गलत संरचना की वजह से मुँह में छाले होना आम बात है। यदि दाँत आड़े-तिरछे, नुकीले या आधे टूटे हुए हैं और इसकी वजह से वे जीभ या मुँह में चुभते हैं या उनसे लगातार रगड़ लगती रहती है, तो वहाँ छाले उत्पन्न हो जाते हैं।

यदि कोई तीखा दाँत लंबे समय तक जीभ या गाल से घर्षण करता रहे या चुभता रहे, इससे आगे चलकर कैन्सर होने की भी संभावना रहती है। जिसे निकलवाना या ठीक करवाना ठीक रहता है। नकली बत्तीसी यदि सही बनी नहीं हो या उसका किनारा चुभता हो, तो भी छाले हो सकते हैं।

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सुपारी आदि खाने के बाद बिना कुल्ले किए रात को सो जाने से भी छाले हो जाते हैं। तंबाखू, पान-मसाला और धूम्रपान भी मुँह के छालों का कारण बनते हैं। मानसिक तनाव भी एक वजह है मुँह के छालों की। यह तनाव चाहे परीक्षा का हो या नौकरी पेशे का या अन्य किसी बात का। यदि छाले कैन्सर में बदल जाते हैं तो शुरू-शुरू में उनमें कोई दर्द नहीं होता, लेकिन बाद में थूक के साथ खून रिसना भी शुरू हो सकता है। यहाँ तक कि खाना निगलने में भी परेशानी का अनुभव होता है।

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बीमारी का कारण भी बनते हैं
कुछ बीमारियाँ भी मुँह में छाले पैदा कर सकती हैं, जैसे हर्पीज संक्रमण या बड़ी आंत की सूजन। इसके अलावा ये छाले वंशानुगत भी हो सकते हैं। रोगों से लडऩे की क्षमता में कमी की वजह से भी छाले हो सकते हैं।

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आयुर्वेदिक देशी इलाज

यदि छालों की वजह कब्ज हो, तो ईसबगोल की भूसी एक चम्मच मात्रा में रात को लेना चाहिए। यदि दाँतों के तीखेपन की वजह से छाले होते हों, तो उन्हें घिसवा लेना चाहिए। यदि डॉक्टर उस दाँत को निकालने का परामर्श दे, तो निकलवाने में कोई हर्ज नहीं। आड़े-तिरछे दाँतों के ठीक करने के लिए बांधे गए तारों की वजह से भी मुँह में छाले हो सकते हैं, क्योंकि ये बार-बार मसूड़ों से टकराते हैं। छाले होने पर गर्म चाय-कॉफी तथा मिर्च-मसालों का सेवन न करें, क्योंकि इससे तकलीफ बढ़ सकती है।

अधिक कठोर टूथब्रश के इस्तेमाल से भी मसूड़े छिल जाते हैं या उनमें घाव हो जाते हैं, इसलिए हमेशा सॉफ्ट ब्रश का ही इस्तेमाल करना चाहिए। याद रखिए, यदि कोई भी छाला सप्ताह भर में ठीक न हो, तो उसे गंभीरता से लीजिए तथा डॉक्टर को बताइए।

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