हजारों के परिणाम बदल गए थे पूनर्गणना व पुनर्मूल्यांकन में
मूल्यांकनकर्ता की उत्तरपुस्तिकाओं की जांचने में गड़बड़ी के कारण छात्र-छात्रों द्वारा पूनर्गणना व पुनर्मूल्यांकन कराने पर हजारों छात्र-छात्रों के परिणाम बदल गए, जिससे माशिमं की छवि पर बुरा असर पड़ा है। हाईस्कूल में कुल 5831 पूनर्गणना व पुनर्मूल्यांकन के लिए माशिमं को आवेदन मिले थे, जिसमें से पूनर्गणना व पुनर्मूल्यांकन के 2504 छात्र-छात्रों के परिणाम बदलने पड़े थे। वहीं, 12वीं में 10690 आवेदन मिले थे, जिसमें से पूनर्गणना व पुनर्मूल्यांकन के बाद 4437 छात्र-छात्राओं के परिणाम बदल गए थे। इससे 12वीं और 10वीं मैरिट पर भी प्रभाव पड़ा है। माशिमं को मैरिट लिस्ट में भी बदलाव करना पड़ रहा है।10वीं के इतने के परिणाम बदले
पुनर्गणना-709- 125 पुनर्मूल्यांकन-5122-2379 कुल- 5831-250412 वीं के इतने के परिणाम बदले
पुनर्गणना-1084- 153 पुनर्मूल्यांकन-9876-4284 कुल- 10960-4437परीक्षा व मूल्यांकन केंद्रों में भी भारी गड़बड़ी
बोर्ड परिक्षाओं की उत्तरपुस्तिका जांचने के लिए बनाए गए परीक्षा व मूल्यांकन केंद्रों पर भी भारी गड़बड़ी माशिमं को मिली है। इसके लिए परीक्षा व मूल्यांकन केंद्रों के केंद्राध्यक्षों, सहायक केंद्रोध्यक्षों, मूल्यांकन केंद्र अधिकारियों व पर्यवेक्षकों के विरुद्ध भी अनुशात्मक कार्रवाई व एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने की अनुशंसा स्कूल शिक्षा विभाग से की है।इन परिक्षा व मूल्यांकन केंद्रों में मिली गड़बड़ी
1- परीक्षा केंद्र -शाउमावि रसेड़ा केंद्र जिला- बलौदाबाजार, गड़बड़ी- उत्तरपुस्तिका के बंडल खोलने पर दर्ज संख्या 217 की जगह 213 उत्तरपुस्तिका ही मिलीं2- परीक्षा केंद्र -शाउमावि रामपुर केंद्र जिला- धमतरी, गड़बड़ी- भूगोल की उत्तरपुस्तिका के बंडल खोलने पर दर्ज संख्या 22 की जगह 20 उत्तरपुस्तिका ही मिलीं
3- परीक्षा केंद्र -शाउमावि महाराजगंज केंद्र जिला- रायगढ़, गड़बड़ी- गणित की उत्तरपुस्तिका के बंडल खोलने पर दर्ज संख्या 63 की जगह 62 उत्तरपुस्तिका ही मिलीं
4- परीक्षा केंद्र -शाउमावि भुवनेश्वरपुर केंद्र जिला- सूरजपुर, गड़बड़ी- गणित अनुक्रमांक1247407653 की मुख्य एवं पूरक उत्तरपुस्तिका में हस्तलिखित लिखावट में भिन्नता पाई गई।
दंडित करने के नियम
प्रथम श्रेणी के दोषी को: 20 से 40 अंकों में वृद्धि प्रकरण- माशिमं के समस्त पारिश्रामिक कार्य से 3 वर्ष के लिए वंचित किया जाता है। विभाग के द्वारा एक वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने की अनुशंसा की जाती है।द्वितीय श्रेणी के दोषी को: 41 से 49 अंकों में वृद्धि प्रकरण- माशिमं के समस्त पारिश्रामिक कार्य से 5 वर्ष के लिए वंचित किया जाता है। विभाग के द्वारा एक वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने की अनुशंसा की जाती है।
तृतीय श्रेणी के दोषी को: 50 या उससे अधिक अंकों में वृद्धि प्रकरण- माशिमं के समस्त पारिश्रामिक कार्य से 5 वर्ष के लिए वंचित किया जाता है। विभाग के द्वारा एक वार्षिक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने की अनुशंसा की जाती है।