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युवाओं की दो समस्याएं, धैर्य की कमी और सबकुछ जल्दी पाने की चाहत, काउंसिलिंग की पड़ी जरूरत

CG News: रायपुर में यूजीसी ने पिछले साल देश के सभी विवि को सपोर्ट सेंटर खोलने का निर्देश दिया था ताकि छात्रों को तनाव और डिप्रेशन से निजात मिल सके।

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युवाओं की दो समस्याएं, धैर्य की कमी और सबकुछ जल्दी पाने की चाहत(photo-unsplash)

युवाओं की दो समस्याएं, धैर्य की कमी और सबकुछ जल्दी पाने की चाहत(photo-unsplash)

CG News: छत्तीसगढ़ के रायपुर में यूजीसी ने पिछले साल देश के सभी विवि को सपोर्ट सेंटर खोलने का निर्देश दिया था ताकि छात्रों को तनाव और डिप्रेशन से निजात मिल सके। रविवि के साइकोलॉजी विभाग में इससे पहले ही यह काम किया जा रहा है। कुलपति प्रो. सच्चिदानंद शुक्ल ने बताया, बीते दो साल में विभाग की ओर से 1500 छात्रोें का सर्वे किया गया है।

इसमें से 100 छात्रों में काउंसिलिंग की जरूरत पाई गई। इन छात्रों में दो से तीन समस्या एक जैसी पाई गई। पहली धैर्य की कमी, दूसरा सबकुछ जल्दी पाने की चाहत और तीसरा डिप्रेशन। विशेषज्ञों की मानें तो पढ़ाई के दबाव में कई बार छात्र अवसाद में चले जाते हैं, जो उनके भविष्य के लिए खतरनाक हो सकता है। ऐसे में यह पहल न केवल समय की मांग है, बल्कि छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक अहम कदम भी है।

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CG News: प्रोफेशनल काउंसलर

यूजीसी ने छात्रों को मानसिक तनाव, डिप्रेशन और अकेलेपन से निपटने में मदद के लिए विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में स्टूडेंट सपोर्ट सेंटर बनाए जाने के निर्देश दिए थे। इन सपोर्ट सेंटर्स के जरिए छात्रों को मानसिक, सामाजिक और शारीरिक रूप से फिट रखने के उपाय किया जाना है। सेंटर में प्रोफेशनल काउंसलर मौजूद रहेंगे जो पढ़ाई से जुड़े तनाव, परीक्षा का डर, भविष्य की चिंता, रिश्तों की उलझन और निजी समस्याओं पर छात्रों को परामर्श देंगे।

सकारात्मक माहौल और स्किल डेवलपमेंट पर भी जोर

इन सेंटरों के माध्यम से छात्रों में आत्मविश्वास, संवाद कौशल, समय प्रबंधन और मानसिक मजबूती जैसे गुण भी विकसित किए जाएंगे। ग्रुप एक्टिविटी, खेल, योग, मेडिटेशन और हेल्थ टॉक जैसी गतिविधियों को भी बढ़ावा दिया जाएगा। सपोर्ट सेंटर्स में ऑनलाइन काउंसलिंग या टेलीथैरेपी की सुविधा भी होगी ताकि दूर-दराज के छात्र-छात्राएं भी इसका लाभ ले सकें। इसके संचालन की जिमेदारी कॉलेज प्राचार्य या विवि निदेशक को दी जाएगी।