
Raipur news छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में भाजपा की बंपर जीत और कांग्रेस की झकझोरने वाली हार के कारणों को डिकोड करने का दौर अभी लंबा चलेगा। जानकार आश्चर्यचकित हैं कि एवरेज स्पीड में दौड़ रही भाजपा की इलेक्शन गाड़ी अचानक टॉप गियर में कैसे दौड़ गई? इस प्रश्न के जवाब में अधिकांश भाजपा नेता सिर्फ एक नाम ले रहे हैं- मनसुख भाई। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री मनसुख मंडाविया खुद यही कह रहे हैं, मैंने कोई करिश्मा नहीं किया। बस प्रदेश की जनता के मन में बदलाव की भावना को पढ़कर उसे वोट में बदला है। मोदी मैजिक का सबसे बड़ा प्लस प्वाइंट हमारे पास था ही। मोदी जो कहते हैं लोग उस पर भरोसा करते हैं। इसी भरोसे ने भूपेश सरकार को उखाड़ फेंका। पेश है मनसुख मंडाविया से बातचीत के प्रमुख अंश...
कांग्रेस को वॉकओवर देती दिख रही भाजपा ने ये करिश्मा कैसे किया?
वॉकओवर जैसी बात नहीं थी। जनता में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस सरकार को लेकर बेहद नाराजगी थी। हमने इस मूड को समझा और भाजपा कार्यकर्ताओं ने पूरी ताकत झोंककर जनता की नाराजगी को वोटों में बदल दिया। क्रेडिट तो कार्यकर्ताओं को ही है।
क्या यह सब इतना आसान था?
देखिए लोकतंत्र में जनता ही सबकुछ है और हमें जनता पर भरोसा था। कांग्रेस सरकार को सरकारी मशीनरी, राजनीतिक एक्शन पर भरोसा था। बदले की भावना से काम करने की आदत थी। हमने बस जनता को ये बताया कि कांग्रेस सरकार से डरने की जरूरत नहीं। जनता को यही भरोसा चाहिए था, जो बदलाव के लिए काफी था।
लेकिन कांग्रेस का भारी भरकम घोषणा पत्र और वादे भी तो थे?
जनता को कांग्रेस रेवड़ियों से ज्यादा मोदी की गारंटी पर भरोसा था। पूरे देश की जनता मोदी की बात का भरोसा करती है। हमने कर्जमाफी की बात नहीं की। हमने उतना ही वादा किया जितना हम निभा पाएंगे। लोगों ने हम पर यकीन किया और चुना।
आपको खुद कब लगा कि कांग्रेस को हराया जा सकता है?
मैं जुलाई में प्रधानमंत्री की रायपुर में हुई सभा में पहली बार रायपुर आया। तीन दिन यहां रुककर माहौल देखा तो लोगों में सरकार को लेकर गुस्सा साफ पता चला। इसके बाद मैं पूरी तरह कनविंस था कि कांग्रेस को हराना संभव है। इसके बाद पूरी टीम को लेकर मेहनत की जरूरत थी। वो हमने की और नतीजा आपके सामने है।
जनता के गुस्से को वोटों में बदलने का जादू कैसे किया?
घोषणापत्र बेहद महत्वपूर्ण था। कोई रेवड़ी नहीं बांटी। बहुत सोझ समझकर बनाया। इसका रैंडम फीडबैक भी लिया। महतारी वंदन योजना के पीछे की सोच को घर-घर पहुंचाया। पांच संभागों की जिम्मेदारी पांच लोगों ने ली। ओम माथुर, रमन सिंह और मैंने खुद एक संभाग देखा। टीम वर्क से सब आसानी से हो गया।
Updated on:
06 Dec 2023 12:50 pm
Published on:
06 Dec 2023 12:47 pm
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