25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

MBBS Course Admission : विद्यार्थियों को अब NEET-UG के बाद ही मेडिकल कॉलेजों में मिलेगा प्रवेश, इस दिन भरना होगा फॉर्म…

Admission In AIIMS : एम्स समेत सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों में संचालित एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन नीट यूजी के आधार पर होगा। नीट यूजी 5 मई को है।

2 min read
Google source verification
medical_students.jpg

medical

MBBS Course Admission : एम्स समेत सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों में संचालित एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन नीट यूजी के आधार पर होगा। नीट यूजी 5 मई को है। इसके लिए 24 जनवरी से ऑनलाइन फार्म भर सकेंगे। 12वीं पास या अध्ययन कर रहे छात्र नीट के लिए पात्र होंगे।

पहली बार एनएमसी ने गणित के साथ बायो टेक्नोलॉजी विषय लेने वाले छात्रों को नीट देने की पात्रता दी है। इससे प्रदेश में 1 हजार के आसपास छात्र बढ़ जाएंगे। पिछली बार 41 हजार से ज्यादा छात्र नीट में शामिल हुए थे। इनमें 19 हजार से ज्यादा क्वालिफाइड हुए थे। हालांकि प्रदेश में एमबीबीएस की सीटें 1910 ही हैं। अगले साल सीटें बढ़ने की संभावना है।

यह भी पढ़ें : Train Cancelled : क्रिसमस में यात्रियों की बड़ी मुसीबत.. सिकंदराबाद एक्सप्रेस समेत कई ट्रेनें कैंसिल, सफर से पहले देखें लिस्ट

एम्स में एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन के लिए नीट यूजी देना अनिवार्य होगा। इसके लिए अलग से इंट्रेंस एग्जाम नहीं लिया जाएगा। पिछले साल नई दिल्ली में एम्स संचालक मंडल की बैठक में अलग से परीक्षा कराने संबंधी प्रस्ताव काे सिरे से खारिज कर दिया गया। बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने की थी। गौर करने वाली बात ये है कि 2019 तक एम्स अपने मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस में एडमिशन कराने के लिए अलग से प्रवेश परीक्षा कराता रहा है। पिछले चार साल से नीट यूजी के स्कोर के माध्यम से रायपुर समेत देश के अन्य एम्स में एडमिशन हो रहा है।

यह भी पढ़ें : Bulldozer Action In Budhatalab : जल्द ही टूटेगा बूढ़ातालाब का गार्डन... करोड़ों रुपए की लागत पर चलेगा बुलडोजर

हालांकि एम्स के पीजी व सुपर स्पेश्यालिटी कोर्स के लिए अलग से प्रवेश परीक्षा जारी रहेगी। एम्स दिल्ली की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजे गए प्रस्ताव में यह कहा गया था कि नीट हमेशा विवादों में फंसा रहता है। इससे नए सेशन में देरी होती है। इस पर केंद्रीय मंत्रालय के अधिकारियों का कहना था कि फिर से प्रवेश परीक्षा कराना सही नहीं होगा। इसमें काफी परेशानी आएंगी। इसके कारण नीट यूजी से ही एडमिशन दिया जाना जारी रहेगा।