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MBBS Seats: बड़ी खुशखबरी, छत्तीसगढ़ को मिली एमबीबीएस की 200 नई सीटें… जानिए कितना है कट ऑफ

Medical College Seats: अब डॉक्टर बनने का सपना हर विद्यार्थी का आसानी से पूरा हो सकता है। छत्तीसगढ़ के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 200 नई सीटें बढ़ गई है। इसके लिए नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने मान्यता दे दी है।

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MBBS New sit

पीलूराम साहू

New MBBS Seats: छत्तीसगढ़ को एमबीबीएस की 200 नई सीटें मिली हैं। इन सीटों पर इसी सत्र से एडमिशन होगा। वर्तमान में एमबीबीएस की कुल 1910 सीटें हैं, जो बढ़कर 2110 हो गई हैं। कॉलेजों की संख्या भी 13 से बढ़कर 15 हो गई है। सीटें बढ़ने का फायदा नीट यूजी क्वालिफाइड छात्रों को होगा। विशेषज्ञों के अनुसार 200 सीटें बढ़ने से कट ऑफ 5 अंक तक गिर सकता है।

नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने छत्तीसगढ़ के दो निजी कॉलेजों को नए सत्र के लिए मान्यता दे दी है। पत्रिका ने दोनों कॉलेज के अधिकारियों से इस बात की पुष्टि भी की है। एक कॉलेज को 150 व दूसरे कॉलेज को 50 सीटों की मान्यता मिली है। हाल ही में कंप्लायंस के बाद एनएमसी की टीम ने दोनों कॉलेजों का दोबारा निरीक्षण किया था। इसके बाद एनएमसी ने सीटों काम मान्यता दी है। वर्तमान में 10 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस की 1460 व तीन निजी कॉलेजों में 450 सीटें हैं। नए को मिलाकर अब प्रदेश में पांच निजी मेडिकल कॉलेज हो जाएंगे।

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देश में सबसे कम एमबीबीएस की फीस प्रदेश में

निजी मेडिकल कॉलेजों में 42.5-42.5 फीसदी सीटें स्टेट व मैनेजमेंट कोटे की होती है। वहीं 15 फीसदी सीटें एनआरआई के लिए आरक्षित होती हैं। स्टेट कोटे व मैनेजमेंट की फीस समान होती है। कॉलेजों का दावा है कि देश में एमबीबीएस की सबसे सस्ती पढ़ाई छत्तीसगढ़ में हो रही है। यहां एक साल की ट्यूशन फीस 7.41 से 7.99 लाख रुपए है। फीस तीन साल में रिवाइज करने का नियम है। अभी फीस विनियामक कमेटी ने फीस रिवाइज नहीं किया है। दूसरी ओर सरकारी मेडिकल कॉलेजों की फीस महज 40 हजार व एम्स की फीस 1289 रुपए सालाना है।

काउंसिलिंग स्थगित अब 11 तक इंतजार

एनएमसी ने शनिवार को एमबीबीएस की काउंसिलिंग स्थगित कर दी थी। निर्धारित कैलेंडर के हिसाब से 6 जुलाई से ऑल इंडिया कोटे के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन होना था, लेकिन नहीं हुआ। एनएमसी की मेडिकल काउंसिलिंग कमेटी यानी एमसीसी ऑल इंडिया कोटे की काउंसिलिंग कराती है।

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई, लेकिन परीक्षा रद्द करने के संबंध में कोई निर्णय नहीं हुआ। अब 11 जुलाई को सुनवाई है। इसके बाद ही काउंसिलिंग का विस्तृत शेड्यूल जारी होने की संभावना है। 5 मई को हुई नीट और 23 जून को हुई री-नीट का रिजल्ट पहले ही आ चुका है। हालांकि री-नीट देने वाले कई छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर नीट रद्द नहीं करने की गुहार लगाई है।

एमबीबीएस की कहां कितनी सीटें

रायपुर - 230 
दुर्ग - 200
बिलासपुर - 180
अंबिकापुर - 125
रायगढ़ - 100
कोरबा - 125
राजनांदगांव - 125
महासमुंद - 125
कांकेर - 125
जगदलपुर - 125
बालाजी - 150
रिम्स - 150
शंकराचार्य - 150

कुल 1910

डीएमई डॉ. यूएस पैकरा ने कहा - सीटें बढ़ने का फायदा नीट पात्र छात्रों को होगा, क्योंकि इससे कट ऑफ मार्क्स गिरेगा। यही नहीं स्थानीय छात्रों को मेडिकल कोर्स करने का मौका मिलेगा।