
मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की सख्ती: डीन के आदेश का खौफ, पीछे हटे जूनियर डॉक्टर, हड़ताल खत्म
रायपुर. मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की सख्ती के बाद शनिवार को जूडो की हड़ताल खत्म हो गई। हड़ताली डॉक्टरों को 24 घंटे के भीतर हॉस्टल खाली करने और पीजी पाठ्यक्रम से छह माह के लिए निलंबन करने का फरमान डीन ने जारी किया था। इसके बाद हड़ताली जूनियर डॉक्टर जो गुरुवार से हड़ताल पर गए थे। सभी ने शनिवार से काम शुरू कर दिया।
गौरतलब है कि मंगलवार रात विसर्जन झांकी में चाकूबाजी की घटना हुई थी। उसके बाद आक्रोशित मरीज के परिजन अस्पताल पहुंचकर हंगामा किया और जूनियर डॉक्टरों से मारपीट कर दी। इससे जूडो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे। मारपीट के मामले में हड़ताल के फैसले पर जूनियर डॉक्टर दो गुटों में बंट गए थे। ४४ जूनियर डॉक्टर हड़ताल में रहे और बाकी के 54 ड्यूटी पर तैनात थे। सीनियर छात्रों ने हड़ताल स्थगित कर दी थी, सिर्फ फस्र्ट इयर के छात्रों ने अनिश्चित कालीन हड़ताल जारी रखी थी।
परिजनों को नोटिस भेजने की बात से घबराए
हड़ताल पर बैठे सभी जूनियर डॉक्टरों को मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने नोटिस जारी कर उनके परिजनों को नोटिस देने का उल्लेख किया था। नोटिस में लिखा गया था कि उनके परिजनों को बताया जाएगा कि आपके बच्चे द्वारा नियम विरुद्ध आवश्यक सेवा को बाधित कर रहे हैं। उक्त नोटिस के बाद यदि छात्र नहीं मानते, तो उन पर कॉलेज प्रबंधन निलंबन की कार्रवाई करने को बाध्य रहेगा। इस बात का भी गहरा असर छात्रों पर पड़ा।
इन मांगों पर अड़े थे
- मारपीट के मामले में तत्काल एफआइआर हो
- समस्त मरीजों का नि:शुल्क इलाज हो
- स्टाफ की कमी को दूर किया जाए
- पर्ची सहित इलाज की कतार खत्म हो
- सुरक्षा गार्ड की तैनाती की जाए
- ड्यूटी आवर्स की अवधि के अनुसार रहे
- मानदेय में भी वृद्धि की जाए
54 डॉक्टर ड्यूटी पर, 44 तंबू में
हड़ताल के फैसले पर जूनियर डॉक्टर दो गुटों में बंट गए थे। 44 जूनियर डॉक्टर हड़ताल में रहे और बाकी के 54 ड्यूटी पर तैनता रहे। सीनियर छात्रों ने हड़ताल स्थगित कर दी थी, वहीं फस्र्ट इयर के छात्रों ने गुरुवार सुबह अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखते हुए सामूहिक इस्तीफा देने का ऐलान किया है।
Published on:
30 Sept 2018 08:44 am
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