28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

NEET Counselling 2025: मेडिकल कॉलेजों में दूसरा राउंड आज समाप्त, सीट सरेंडर करने पर 25 लाख की पेनल्टी

NEET Counselling 2025: रायपुर मेडिकल कॉलेजों में दूसरे व आखिरी राउंड में एमबीबीएस में प्रवेश लेने के बाद छात्रों को पढ़ाई करनी होगी। वे सीट नहीं छोड़ पाएंगे।

2 min read
Google source verification
NEET Counselling 2025: मेडिकल कॉलेजों में दूसरा राउंड आज समाप्त, सीट सरेंडर करने पर 25 लाख की पेनल्टी(photo-patrika)

NEET Counselling 2025: मेडिकल कॉलेजों में दूसरा राउंड आज समाप्त, सीट सरेंडर करने पर 25 लाख की पेनल्टी(photo-patrika)

NEET Counselling 2025: छत्तीसगढ़ के रायपुर मेडिकल कॉलेजों में दूसरे व आखिरी राउंड में एमबीबीएस में प्रवेश लेने के बाद छात्रों को पढ़ाई करनी होगी। वे सीट नहीं छोड़ पाएंगे। अगर वे सीट छोड़ते हैं तो आरक्षित वर्ग के छात्रों को 20 लाख व अनारक्षित वर्ग को 25 लाख रुपए की भारी-भरकम पेनल्टी पटानी होगी।

प्रदेश में दूसरे राउंड की प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। छात्रों को 30 सितंबर तक एडमिशन लेना होगा। प्रदेश के 15 में 14 मेडिकल कॉलेजों की 2180 सीटों पर प्रवेश के लिए पहले राउंड का प्रवेश 23 अगस्त को पूरा हो गया था। अब दूसरे राउंड की प्रवेश प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

NEET Counselling 2025: दूसरे राउंड की काउंसलिंग आज खत्म

मेडिकल एक्सपर्ट के अनुसार, दूसरे व आखिरी राउंड में सीट छोड़ने पर पेनल्टी का प्रावधान इसलिए किया गया है, क्योंकि एडमिशन के लिए तीसरे राउंड में मापअप व चौथे राउंड में स्ट्रे वैकेंसी राउंड ही रहता है। आखिरी यानी स्ट्रे वैकेंसी राउंड में प्रवेश लेने वाले छात्र भी सीट नहीं त्याग सकते, क्योंकि इसके बाद काउंसलिंग खत्म हो जाती है।

एडमिशन की आखिरी तारीख के बाद बची सीटें लैप्स हो जाती हैं। हालांकि एमबीबीएस कोर्स में एक भी सीटें लैप्स नहीं होती। इस कोर्स में एक-एक सीट के लिए मारामारी है। चूंकि एमबीबीएस करने के बाद छात्र नीट पीजी के माध्यम से एमडी-एमएस कोर्स में प्रवेश लेते हैं। कोर्स पूरा होने के बाद वे विशेषज्ञ डॉक्टर बन जाते हैं। कई छात्र एमडी-एमएस के नीट एसएस यानी सुपर स्पेशलिटी की तैयारी कर डीएम-एमसीएच कोर्स में प्रवेश लेते हैं।

देरी से मान्यता, 4 साल पहले 22 सीटें लैप्स

मेडिकल कॉलेजों को देरी से मान्यता मिलने के कारण चार साल पहले सरकारी मेडिकल कॉलेजों की 22 सीटें लैप्स हो गई थीं। दुर्ग, महासमुंद, कोरबा व अन्य कॉलेजों में सेंट्रल पुल व आल इंडिया कोटे की सीटें समय पर नहीं भर पाई थीं। कॉलेजों ने सीटों को कन्वर्ट कर स्टेट कोटे से भरने की मांग एनएमसी से की थी, लेकिन एनएमसी ने मंजूरी नहीं दी थी। इस साल मेरिट सूची में 6400 से ज्यादा छात्रों के नाम है। मेडिकल कॉलेजों में उन्हीं का प्रवेश होगा, जिनका नीट यूजी स्कोर हाई है।

डीएमई डॉ. यूएस पैकरा ने कहा की एडमिशन लेने वाले छात्र वैसे तो एमबीबीएस सीट नहीं छोड़ता, लेकिन अच्छा विकल्प मिलने पर ऐसा कभी-कभार हो जाता है। इसलिए दूसरे व चौथे राउंड में सीट त्यागने वाले छात्रों के लिए जरूरी पेनल्टी का प्रावधान किया गया है। ताकि दूसरे छात्रों का नुकसान न हो।