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रायपुर. राजधानी में पर्यावरण को स्वच्छ रखने और प्रदूषण को नियंत्रित करने के मामले में एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) ने तीन याचिकाओं की सुनवाई करते हुए समुचित कदम उठाने का आदेश दिया है। लेकिन क्रियावन्यन एजेंसियों ने उस पर अमल नहीं किया। अब तक खारुन नदी में प्रतिमा विसर्जन के लिए कुंड नहीं बनाया गया, तो सफाई के मसले पर जनप्रतिनिधियों पर तय जिम्मेदारी के संबंध में भी निगम का कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया। डीजे पर प्रतिबंध के संबंध में भी एनजीटी को अब तक जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है।
अमल की स्थिति
आदेश के मुताबिक निगम ने योजना बनाई और सरोना में कचड़े के डिस्पोजल की व्यवस्था बनाने की शुरुआत भी की, लेकिन काम अधूरा ही है।
शहर की स्वच्छता
एनजीटी ने निगम के जनप्रतिनिधियों के प्रति भी स्वच्छता के लिए जिम्मेदारी तय करते हुए कहा है कि प्रदूषण के लिए महापौर और पार्षद भी जिम्मेदार होंगे।
अमल की स्थिति
निगम के लिए यह आदेश ताजा है, लेकिन फिलहाल निगम प्रशासन इसके परिपालन के लिए
स्वरूप निर्धारित नहीं कर सका है।
डीजे पर प्रतिबंध
यह इस मामले में नागरिक संघर्ष समिति ने कहा है कि मध्यप्रदेश की तर्ज पर डीजे पर पूर्णत: प्रतिबंध हो। इसके कारण ध्वनि प्रदूषण ही नहीं, बल्कि यातायात भी बिगड़ता है।
अमल की स्थिति
इस मामले में 5 जुलाई को एनजीटी ने पर्यावरण संरक्षण मंडल, निगम आयुक्त, कलक्टर, एसपी, परिवहन आयुक्त से जवाब मांगा है। फिलहाल एनटीजी तक जवाब नहीं पहुंचा है।
एमआईसी सदस्यों और पार्षदों को किया गिरफ्तार
शहर में सफाई व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए सफाई-कर्मियों की संख्या और संसाधन बढ़ाने की मांग को लेकर गुरुवार को नगरीय प्रशासन मंत्री को ज्ञापन देने जा रहे शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष विकास उपाध्याय सहित एमआईसी सदस्यों,पार्षदों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। विकास उपाध्याय ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार 1000 आबादी के पीछे तीन सफाई कर्मचारी होने चाहिए। लेकिन राज्य सरकार कर्मचारियों की संख्या न बढ़ाकर सफाई व्यवस्था को बदहाल कर महापौर और एमआईसी को बदनाम करने पर तुली है। ज्ञापन देने जाने वालों में पूर्व विधायक कुलदीप जुनेजा, एमआईसी सदस्य श्रीकुमार मेनन, नागभूषण राव, विमल गुप्ता, अनवर हुसैन आदि शामिल थे।
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