20 हजार कॉल डिटेल्स की जांच, 30 संदेहियों से पूछताछ और 43 कैमरों की जांच के बाद भी पुलिस के हाथ खाली
बिना ड्राइवर के निकले
सूत्रों के मुताबिक सोमानी ने अपनी कार चलाने के लिए एक ड्राइवर रखा था, जिसे कुछ दिन पहले मना कर दिया था। घटना वाले दिन खुद ही कार चलाते हुए निकला था। आखिर उसने ड्राइवर को रखने से मना क्यों किया? पुलिस इसकी जांच में लगी है।
किडनैपरों को शहर से निकलने का मिला मौका
उद्योगपति प्रवीण के गायब होने की सूचना परिजनों ने रात करीब 10 बजे पंडरी थाने में दी। चूंकि परिजनों ने सिलतरा ऑफिस से नहीं आने की जानकारी दी थी। इस कारण पंडरी पुलिस ने उन्हें सिलतरा पुलिस चौकी में शिकायत करने के लिए कहा। इसके बाद परिजनों पुलिस के आला अफसरों से संपर्क किया और उन्हें जानकारी दी।
इसके बाद आधी रात को पुलिस ने उद्योगपति के गुमशुदगी का केस दर्ज कर जांच शुरू की। अगले दिन पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की। इसके बाद उन्हें अपहरण का शक हुआ और उनकी तलाश शुरू की, तब तक किडनैपर शहर से निकल चुके थे। पुलिस का दावा है कि घटना सोमानी का अपहरण शाम 6 बजे उनके ऑफिस से निकलने के बाद हुआ और 6.30 बजे उनका मोबाइल बंद हो गया। परिजनों ने रात करीब 10 बजे उनके घर नहीं पहुंचने की सूचना दी। तीन घंटे में दुर्ग-भिलाई-राजनांदगांव होते हुए महाराष्ट्र, दूसरी ओर मंदिरहसौद होते हुए ओडिशा और बिलासपुर होते हुए मध्यप्रदेश की ओर आसानी से किडनैपर निकल गए होंगे।
इलाहाबाद के रिश्तेदारों से होती थी बातचीत
सोमानी का इलाहाबाद के कुछ रिश्तेदारों से लगातार बातचीत होती थी। प्रवीण का रिश्तेदार कुछ वर्षों से कारोबार के सिलसिले में रायपुर में सक्रिय था। पुलिस सोमानी के रिश्तेदारों के बारे में जानकारी खंगाल रही है। हालांकि पुलिस ने मामले में पेशेवर अपहरण गिरोह पर आशंका जताते हुए कुछ राज्यों में टीम भेजकर उनकी तलाश शुरू कर दी है।