
CG News: विद्यार्थी जिस कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई करेंगे उसी से इंटर्नशिप भी कर सकेंगे। इसे लेकर नेशनल मेडिकल कमीशन ने इंटर्नशिप के लिए नया नियम लागू कर दिया है। एनएमसी के आदेश के बाद पं. दीनदयाल उपाध्याय हैल्थ साइंस एवं आयुष विवि ने नया नियम लागू कर दिया है। इंटर्न करने वालों को हर माह 15 हजार 600 रुपए स्टायपेंड दिया जा रहा है। प्रदेश में 10 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। एमबीबीएस कोर्स साढ़े 4 साल का होता है। एक साल की इंटर्नशिप मिलाकर साढ़े 5 साल होता है।
इंटर्नशिप वही छात्र कर सकते हैं, जो एमबीबीएस फाइनल ईयर भाग दो में पास होता है। पहले छात्र दूसरे कॉलेजों से इंटर्नशिप करते थे। इससे विवाद की स्थिति बन जाती थी। कुछ निजी कॉलेज के छात्र भी सरकारी कॉलेजों में इंटर्नशिप करने की फिराक में रहते थे। विवाद के बाद एनएमसी ने नियम में बदलाव किया है। इंटर्नशिप के बाद दो साल की बांड पोस्टिंग होती है।
कॉलेज में एमबीबीएस की जितनी सीटें होंगी, उतनी ही सीटों पर इंटर्नशिप की अनुमति होती है। उदाहरण के लिए नेहरू मेडिकल कॉलेज में 230 सीटें हैं। नियमानुसार यहां इतने ही छात्र इंटर्नशिप कर सकते हैं। चूंकि रिजल्ट शत-प्रतिशत नहीं आता इसलिए विदेश से एमबीबीएस करने वालों को भी इंटर्नशिप करने की अनुमति मिल जाती है।
यही नहीं दूसरे राज्यों के निजी कॉलेज से पास होने वालों को भी इंटर्नशिप की अनुमति दी जाती है। ऐसे छात्रों को कॉलेज व विवि में तय शुल्क जमा करना होता है। इन छात्रों को भी हर माह स्टायपेंड दिया जा रहा है।
Updated on:
26 Aug 2025 01:14 pm
Published on:
26 Aug 2025 01:13 pm
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