
कथित बलात्कार के आरोपी की मांग को हाईकोर्ट ने दी मंजूर, नवजात के डीएनए टेस्ट से सामने आएगा सच
रायपुर। एक वर्ष से जेल में सजा काट रहे बलात्कार (Rape) के कथित आरोपी की मांग हाईकोर्ट (Chhattisgarh high court) ने मान ली है।आरोपी (accused) ने हाईकोर्ट से डीएनए टेस्ट (DNA Test) की मांग को लेकर याचिका (petition) लगाई थी जिसे मंजूरी मिल गई है।जस्टिस रजनी दुबे की एकलपीठ ने 16 जुलाई को सुरक्षित रखे गए फैसला को सुनाते हुए निचली अदालत के आदेश को निरस्त कर दिया है। एकलपीठ ने जिले के एसपी को डीएनए जांच की पर्याप्त व्यवस्था किए जाने का आदेश दिया है।
साथ ही यह ताकिद दिया है कि पुलिस अधिकारी इस पूरी जांच प्रक्रिया के दौरान सिविल ड्रेस में रहेंगे व जांच के दौरान बच्चा व उसकी मां को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो।दरअसल बलात्कार के एक कथित आरोपी (accused) ने खुद को निर्दोष बताते हुए डीएनए टेस्ट की जांच किए जाने की मांग करते हुए कहा था कि इससे साबित होगा कि वो कथित बच्चे का पिता नहीं है।
गौरतलब है कि रायपुर निवासी राजेश साहू पर एक युवती ने कई बार बलात्कार किए जाने का आरोप लगाया है। कहा गया है कि उक्त युवक ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया, जिसके कारण वो गर्भवती हो गई। बच्चे के जन्म के बाद समाज के डर से उसने बच्चे को मातृछाया में छोड़ दिया। बच्चे को किसी दंपत्ति द्वारा गोद भी ले लिया गया है। आरोपी युवक ने निचली अदालत में युवती के इस आरोप के खिलाफ खुद के डीएनए टेस्ट कराने की मांग की थी, लेकिन उसका आवेदन अदालत ने खारिज कर दिया था।
जेल में एक वर्ष से सजा काट रहे राजेश ने खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए अधिवक्ता देवर्षि ठाकुर के माध्यम से हाईकोर्ट में डीएनए टेस्ट की मांग को लेकर याचिका लगाई है। मामले की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता ने कहा कि दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 53 ए के तहत डीएनए टेस्ट (DNA Test) की जिम्मेदारी पुलिस की होती है। वे अपनी जिम्मेदारी से नहीं मुकर सकते। इस मामले में निचली अदालत का फैसला भी अभी तक नहीं आया है, वहां से स्टे है। लिहाजा याचिकाकर्ता की मांग मंजूर की जानी चाहिए। 16 अगस्त को प्रकरण की सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
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Updated on:
04 Aug 2019 08:39 pm
Published on:
04 Aug 2019 08:33 pm
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