
NEET UG: @पीलू राम साहू। प्रदेश में केवल 83 छात्रों ने 25 वर्ष या इससे ज्यादा उम्र में नीट (राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा) यूजी दी। 6494 छात्रों की मेरिट सूची को खंगालने पर यही डेटा सामने आया। जबकि नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) ने नीट यूजी के लिए अधिकतम उम्र 25 वर्ष की बाध्यता पहले ही खत्म कर दी है। इसका फायदा प्रदेश के केवल सवा फीसदी छात्रों ने उठाया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि 12वीं पढ़ने वाले छात्रों की अधिकतम उम्र 17-18 वर्ष होती है। कई छात्र एक या दो साल के प्रयास की तैयारी में नीट में अच्छा स्कोर लाते हैं। इनमें कई छात्रों का मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन भी हो जाता है। नीट देने वाले ज्यादातर छात्रों की औसत उम्र 18 से 20 साल के बीच रही। जानकारों के अनुसार जिन्हें एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन लेना होता है, वे 25 वर्ष की उम्र के पहले ही कड़ी मेहनत कर इसमें सफल हो जाते हैं।
इस उम्र के बाद एडमिशन लेने वाले छात्रों की संख्या काफी कम है। हां, इतना जरूर है कि कई छात्र लगातार फेल होने के कारण इस उम्र को पार कर जाते हैं। गौर करने वाली बात ये है कि सत्र 2022-23 के लिए एनएमसी ने नीट देने की उम्र की बाध्यता खत्म कर दी थी। प्रदेश के सरकारी व निजी मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन का पहला राउंड खत्म हो चुका है।
जो छात्र लगातार तैयारियों के बाद भी नीट क्वॉलिफाइड नहीं कर पा रहे हैं या अच्छा स्कोर नहीं ला पा रहे हैं, उनके लिए यह मौका है। सीनियर मेडिकल एक्सपर्ट व कैंसर सर्जन डॉ. यूसुफ मेमन व हिमेटोलॉजिस्ट डॉ. विकास गोयल के अनुसार उम्र की बाध्यता खत्म करने से उन अभ्यर्थियों को फायदा होगा जो नीट यूजी में लगातार फेल हो रहे थे। अथवा जिनकी उम्र 25 से ज्यादा हो।
हालांकि आजकल ज्यादातर छात्र 9वीं या 10वीं से ही नीट यूजी की तैयारी में लग जाते हैं। 17-18 साल में वे 12वीं पास कर नीट क्वॉलिफाई भी कर जाते हैं। ऐसे में उनका मेडिकल कॉलेज में एडमिशन हो जाता है। कई छात्र 12वीं के बाद नीट की तैयारी करते हैं, जो ड्रॉप करने के बावजूद 20 से 21 वर्ष की उम्र में एडमिशन ले लेते हैं। कई मेधावी छात्र ऐसे होते है जो पहली बार में ही नीट में टॉप कर जाते है। ज्यादातर ऐसे छात्र 10वीं के बाद से ही नीट यूजी की तैयारी करते है। प्रदेश में कई छात्र पहले ही प्रयास में मेडिकल कॉलेज पहुंचने में सफल हो जाते है।
पत्रिका ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों व विभिन्न मेडिकल कॉलेजों के डीन से बात की तो पता चला कि किसी भी कॉलेज में 25 वर्ष से ज्यादा उम्र के किसी छात्र ने एडमिशन नहीं लिया है। जानकारों का कहना है कि एनएमसी ने उम्र की सीमा इसलिए खत्म की कि जरूरतमंद छात्र मेडिकल एंट्रेंस की परीक्षा दे सकें।
पास होने पर मेडिकल न कॉलेजों में एडमिशन भी ले सकें। प्रदेश में 30 से 35 फीसदी छात्र पहले ही प्रयास में नीट यूजी पास कर एडमिशन लेने में कामयाब हो जाते हैं। इसकी वजह 9वीं से नीट की तैयारी करना है।
Updated on:
28 Aug 2025 11:42 am
Published on:
28 Aug 2025 11:34 am
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