
patrika Interview : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से बातचीत...
patrika Interview : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने दावा किया है कि पहले चरण की 20 सीटों में से 14 पर भाजपा जीत दर्ज करेगी और इस बार प्रदेश में पूर्ण बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनेगी। पिछली बार इन 20 सीटों में से भाजपा को केवल एक सीट राजनांदगांव ही मिल पाई थी। कांग्रेस की घोषणाओं, आरोपों के साथ भाजपा की आगे की रणनीति को लेकर भी देवेंद्र गोस्वामी की उनके साथ लंबी बातचीत हुई। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश...
पहले चरण में कितनी सीटें भाजपा जीतेगी, सरकार किसकी बनेगी?
पहले चरण के मतदान का दिन करीब आ रहा है। पिछले चुनाव में बस्तर की 12 और राजनांदगांव व कवर्धा की 8 सीटों में से केवल एक राजनांदगांव की सीट जीत पाए थे। बस्तर में हमारा कोई विधायक नहीं था। इस बार जैसा माहौल दिख रहा है, उसमें भाजपा 20 में से 14 सीट पर आगे दिख रही है। फेज-1 हो या फेज-2, छत्तीसगढ़ में यह स्पष्ट हो गया है कि भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बन रही है।
कांग्रेस 15 साल बनाम 5 साल के विकास को मुद्दा बनाकर जनता के बीच जा रही है?
5 साल बनाम 15 साल को मुद्दा बनाना चाहिए। भाजपा की सरकार के 15 साल प्रदेश का स्वर्णिम काल था, विकास की ऊंचाई पर पहुंचने का कार्यकाल था। कितने ही उदाहरण दे सकता हूं। जब मुख्यमंत्री बना तब प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना में 1600 किलोमीटर सडक़ें थीं। मुख्यमंत्री रहते &0 हजार किलोमीटर सडक़ों का नेटवर्क तैयार कराया। नेशनल हाइवे का जितना निर्माण 15 साल में हुआ, उतना कभी नहीं। रायपुर से लेकर बस्तर, सरगुजा तक सडक़ों का जाल बिछ गया। 28 हजार प्राइमरी, मिडिल और हाई स्कूल खोलने का काम भाजपा ने 15 सालों में किया। आधारभूत ढांचे का विकास इतना कभी नहीं हुआ था। पावर जनरेशन 5 हजार मेगावाट से 22 हजार मेगावाट तक बढ़ गया। 70 हजार पंप कनेक्शन से 4.7 लाख हो गए। एनआइटी, आइआइटी, एम्स और हिदायदुल्ला लॉ यूनिवर्सिटी, सब 15 साल में।
अब बात कांग्रेस के पांच साल की। मैंने मुख्यमंत्री जी से पूछा था कि पांच साल की कोई उपलब्धि बता दें। सडक़ें तक नहीं बनी हैं। नहीं बनी तो ठीक, पर जो गड्ढे हो गए उन्हें तो रिपेयर कर देते। उसके लिए भी फंड नहीं है। आत्मानंद स्कूल के नाम पर पुराने स्कूल को नए कलेवर में प्रस्तुत कर देते हैं। यहां तक कि पंचायतों में भी कोई काम नहीं हुआ है। ऐसा कार्यकाल था, जिसमें भूपेश बघेल ने नरवा (नहर), गरुवा (पशुधन), घुरवा (कम्पोस्ट निर्माण), बाड़ी (सब्जी और फलोद्यान) कर के चार साल काट दिए। ‘कांग्रेस के चार चिन्हारी - नरवा, गरुवा, घुरवा और बाड़ी...’ नहीं हैं बल्कि मैं कहता हूं कि कांग्रेस की चार चिन्हारी हैं चोरी, बेईमानी, भ्रष्टाचार और लबारी (झूठ बोलना)। जनता खुद 15 साल बनाम 5 साल की तुलना करेगी।
कांग्रेस के बड़े नेता इलाज की राशि 10 लाख करने, कर्जमाफी की बात कह रहे हैं। भाजपा के पास इसका क्या जवाब है?
भूपेश बघेल जी सर्वे रिपोर्ट देखते हैं। प्रदेश में इनकी हालत इतनी खराब हो गई है कि रोज नई घोषणा कर रहे हैं। नई घोषणा जरूर करें पर पुरानी घोषणा का क्या हुआ, यह जनता को जरूर बताएं। आपने पूर्ण शराबबंदी का वादा किया, पर नहीं हुई। आपने 10 लाख नवयुवकों को बेरोजगारी भत्ता देने की बात कही, नहीं मिला। आपने दो लाख अस्थायी और संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की बात की, नहीं हुए। पेंशन का वादा पूरा नहीं हुआ।
भाजपा किन मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी?
हमारा एक लाइन का एजेंडा है। हमने बनाया है, हम संवारेंगे। छत्तीसगढ़ को बनाने का श्रेय अटल जी को जाता है। आने वाले पांच साल में छत्तीसगढ़ को तेजी से आगे बढ़ता हुआ रा’य बनाएंगे। विकसित छत्तीसगढ़ बनाने की दिशा में काम करेंगे।
कांग्रेस का फोकस गांव, किसान और शिक्षा है? भाजपा के पास इसका क्या तोड़ है?
किसान हमारे सबसे नजदीक रहे हैं। किसानों के लिए हमने धान खरीदी की व्यवस्था की। बोनस की व्यवस्था की। 16 प्रतिशत ब्याज दर को घटाकर शून्य प्रतिशत कर दिया। किसानों के लिए बेहतर बीज की व्यवस्था की। हमने किसानों के लिए बढक़र काम किया है। इन्होंने बोनस की राशि बढ़ा दी बस। कांग्रेस ने बस घोषणा कर दी लेकिन उसका क्रियान्वयन नहीं किया।
रा’य बनने के बाद सिंचाई का रकबा प्रदेश में अपेक्षाकृत कम बढ़ा है?
भाजपा सरकार थी तो सिंचाई का रकबा 1& लाख हेक्टेयर से 2& लाख हेक्टेयर हुआ। भूपेश बघेल जी की पांच साल की सरकार में सिंचाई का रकबा 5000 हेक्टेयर भी नहीं बढ़ा। बड़ी-बड़ी बातें होती हैं यहां, लेकिन काम नहीं हुआ। कहा कि बोधघाट बना देंगे लेकिन आज तक उसका सर्वे नहीं करवा पाए। बस्तर के लोगों को झुनझुना पकड़ा रहे थे। सारी सिंचाई परियोजनाएं जहां की तहां पड़ी हैं।
छत्तीसगढ़ की पहचान इंडस्ट्रियल हब के रूप में थी, पिछला कार्यकाल कैसे देखते हैं?
जिस प्रकार छत्तीसगढ़ में लूट मची है, उद्योग लगाने वाले रुचि नहीं ले रहे हैं। उद्योगपति अब छत्तीसगढ़ में रुचि लेना बंद कर चुके हैं। एमओयू तो पहला चरण है। उद्योग खोलने के लिए अनुकूल माहौल नहीं मिल रहा है।
अस्पताल बन गए लेकिन उनमें चिकित्सा सुविधाओं और एक्सपर्ट डॉक्टर्स की स्थिति?
हमने राजनांदगांव में मेडिकल कॉलेज खोला लेकिन आज उसमें सुविधाएं ही नहीं हैं। सीटी स्कैन और एमआरआइ के लिए लोगों को भटकना पड़ता है। मरीजों को रायपुर रेफर किया जाता है। 250 करोड़ रुपए के निवेश का कोई फायदा नहीं हुआ। पीएचसी और सीएचसी का भी यही हाल है।
युवाओं को लेकर क्या योजना है?
युवा वर्तमान सरकार से आक्रोशित हैं क्योंकि उनके साथ छल किया गया है। बेरोजगारी भत्ते में ठगा गया, पीएससी में ठगा गया। सरकार नौकरी नहीं दे रही है, नौकरी के नाम पर भ्रष्टाचार कर रही है।
पीएससी के विवाद पर भाजपा का क्या स्टैंड है?
यह तो छत्तीसगढ़ में शायद पहली बार हो रहा है। एसपी और कलेक्टर की पोस्टिंग के लिए आइपीएल की तरह खुलेआम नीलामी और कोरबा और रायगढ़ का कलेक्टर बनने के लिए 8 से 10 करोड़ की बात सार्वजनिक चर्चा में आई है।
कांग्रेस जातिगत सर्वेक्षण/जनगणना की बात कह रही है?
जातिगत सर्वेक्षण या जनगणना उनका चुनावी शिगूफा है। पांच साल सत्ता में रहे तब तो कोई बात नहीं की। दिल्ली में लगातार 10 साल तक सरकार थी, कभी भी जातिगत सर्वेक्षण या जनगणना की बात नहीं की। जब विपक्ष में आ जाते हैं, आचार संहिता लग गई तो चुनाव में जातिगत सर्वेक्षण या जनगणना की बात कहते हैं।
Published on:
02 Nov 2023 08:42 am
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