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लोगों ने शासन-प्रशासन पर जमकर निकाली भड़ास, कहा- राजधानी या गड्ढाधानी

Raipur news: शहर की मुख्य सड़कों से लेकर गलियों तक की गई खुदाई से लोगों को घर आने-जाने में झटके खाने पड़ते हैं। अब लोग कह रहे है कि यह राजधानी है या गड्ढाधानी।

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People lashed out at the administration, said- capital or crater

लोगों ने शासन-प्रशासन पर जमकर निकाली भड़ास, कहा- राजधानी या गड्ढाधानी

Chhattisgarh news: रायपुर। शहर की मुख्य सड़कों से लेकर गलियों तक की गई खुदाई से लोगों को घर आने-जाने में झटके खाने पड़ते हैं। अब लोग कह रहे है कि यह राजधानी है या गड्ढाधानी। यहीं नहीं, पत्रिका से चर्चा में परेशान लोगों ने गड्ढों को लेकर शासन-प्रशासन पर जमकर भड़ास निकाली।

इससे कारोबारियों और ठेले पर फेरी लगाकर फल-सब्जी बेचने वालों की रोजी-रोटी भी चौपट हो रही है। बाजार की सड़कों के किनारे वाहन (cg news) रखना मुश्किल होता है। कॉलोनियों और मोहल्लों की ऐसी सड़कों से ठेला धकेलने में पसीना छूट जाता है। जहां देखो खुदाई ही चल रही है। मरम्मत कराने की कोई मॉनीटरिंग नहीं है। तात्यापारा वार्ड के बढ़ईपारा की ऐसी बदहाल तस्वीर देखी जा सकती है।

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अमृत मिशन योजना के तहत हो रहा ये काम

ऐतिहासिक बूढ़ेश्वर मंदिर के पास से 200 मीटर सड़क पर वाहन हिचकोले खाते हुए पार होते हैं। सड़कों की ऐसी खुदाई नगर निगम अमृत मिशन योजना के तहत सातों दिन चौबीसों घंटे पीने का पानी देने के लिए करा रहा है। अभी 250 किमी पाइप बिछाना (Amrit Mission Scheme) बाकी है। इसलिए इस समय शहर के बाजारों और घनी आबादी वाले हिस्सों की सड़कें खोदी जा रही है।

हैरानी ये है कि रहवासियों को दुकानों और घरों में आने-जाने में होने वाली दिक्कतों को जानते हुए भी मरम्मत कराने में वैसी फुर्ती नहीं दिखाई जाती है, जितनी की खोदकर छोड़ देने में।

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ठेका कंपनी पर नहीं कसा शिकंजा

अमृत मिशन जल योजना की पाइप लाइन बिछाने का ठेका नगर निगम ने इंडियन हयूम पाइप लाइन कंपनी को दिया है, लेकिन कंपनी के लापरवाह रवैए की शिकायतों के बाद भी जिम्मेदारों ने किसी तरह का शिकंजा नहीं कसा। जबकि, ठेका कम्पनी को 31 मार्च 2021 को काम पूरा कर लेना था। एक वर्ष के लिए इसकी समयावधि बढ़ाते हुए 31 मार्च 2022 की गई।

इसके बावजूद भी काम पूरा नहीं किया। ऐसी स्थिति में फिर 30 सितम्बर 2022 तक समय बढ़ाया, फिर 31 दिसंबर 2022 तक बढ़ाया। इसके बावजूद शहर की ऐसी स्थिति है। इस तरह कार्यावधि 5 बार बढ़ाई जा चुकी है।

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महापौर परिषद की कार्यप्रणाली से पूरा शहर परेशान है। कोई उत्सव हो या तीज-त्योहार इन्हीं खस्ताहाल सड़कों से आना-जाना करने में लोग मजबूर हैं। कोई भी विकास कार्य प्लानिंग से कराया ही नहीं जा रहा है। अंधाधुंध खुदाई से अंधेरी सड़कों में लोगों की जानें जाने का खतरा है। क्योंकि, स्ट्रीट लाइटें भी बंद रहती हैं।

- मीनल चौबे, नेता प्रतिपक्ष निगम

महापौर ने नगर निगम और स्मार्ट सिटी के अधिकारियों की बैठक एक महीने के अंदर खुदाई से जर्जर सड़कों को निगम के जल विभाग और पीडब्ल्यूडी से समन्वय बनाकर दुरुस्त कराने का लक्ष्य है। इससे पहले ठेका कंपनी को अधिकांश काम कर लेने का आदेश दिया गया है।

- राकेश गुप्ता, अधीक्षण अभियंता, नगर निगम

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