
मनमर्जी से रेट और मिलावट से लोग परेशान(photo-unsplash)
CG News: छत्तीसगढ़ के रायपुर प्रदेश की राजधानी में दूध के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है। खुला दूध बेचने वाले अपनी मनमर्जी का रेट लगा रहे हैं और मिलावट भी कर रहे हैं। दूध के रेट पर कोई कंट्रोल नहीं है और न ही प्रशासन कोई सिस्टम बना पाया है। रेट तो दूर खुले दूध की गुणवत्ता की जांच करने की फुर्सत भी सरकारी एजेंसियों के पास नहीं है।
इसी के चलते खुले दूध में जमकर मिलावट होती है। अधिक कीमत में मिलावटी दूध लेने के लिए लोग मजबूर हो गए हैं। शहर में 50 से 80 रुपए प्रति लीटर तक खुला दूध बिक रहा है। दूसरी ओर पैकेट वाले दूध की कीमत भी बढ़ी है। अब 500 एमएल का पैकेट 29 रुपए में मिल रहा है। कहीं-कहीं ये 30 रुपए पैकेट में भी बिक रहा है।
रायपुर में आबादी के हिसाब से रोज करीब 5 लाख लीटर दूध की खपत है। इसमें खुला और पैकेट वाले दूध शामिल हैं। शहर में बड़ी संया में डेयरी कारोबार संचालित हैं। रायपुर सहित पूरे राज्य में 500 से ज्यादा डेयरी फार्म संचालित हैं। कई दुकानदार डेयरी से दूध लेते हैं। इसके बाद अपने हिसाब से रेट लगाकर बेचते हैं।
डेयरी फार्म और फुटकर दुकानदारों के यहां बिकने वाले खुले दूध की गुणवत्ता की नियमित जांच नहीं होती। खाद्य एवं औषधि विभाग हो या छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित( CGCDF) शहर में बिकने वाले खुले दूध की गुणवत्ता को लेकर गंभीर नहीं हैं। यही वजह है मिलावटी दूध बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी नहीं होती है।
गुणवत्ता की जांच करने की फुर्सत सरकारी एजेंसियों के पास नहीं
एक नजर में
665 से अधिक दूध सहकारी समितियां प्रदेश में
500 से अधिक डेयरी यूनिट
5 लाख लीटर लगभग रायपुर में रोज खपत
अलग-अलग रेट
60-65 रुपए प्रति लीटर डीडी नगर इलाके में
65-70 रु. प्रति लीटर संतोषी नगर इलाके में
55-60 रुपए प्रति लीटर कोटा इलाके में
70-78 रुपए प्रति लीटर सड्ढू इलाके में
देवभोग (सीजीसीडीएफ) एजीएम टीएस आहुजा ने कहा की दूध का ओपन मार्केट हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं है। देवभोग के प्रोडक्ट से जुड़े मामलों पर ही उचित कार्रवाई की जा सकती है। खुला बिकने वाले दूध की गुणवत्ता की जांच दूसरी एजेंसियां करती हैं।
रायपुर फूड इंस्पेक्टर के ब्रजेंद्र भारती ने कहा की समय-समय पर दूध के सैंपल लेकर मिलावट की जांच की जाती है। यहां पानी की सबसे ज्यादा मिलावट होती है।
रायपुर प्रदेश की राजधानी में दूध के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है। खुला दूध बेचने वाले अपनी मनमर्जी का रेट लगा रहे हैं और मिलावट भी कर रहे हैं। दूध के रेट पर कोई कंट्रोल नहीं है और न ही प्रशासन कोई सिस्टम बना पाया है। रेट तो दूर खुले दूध की गुणवत्ता की जांच करने की फुर्सत भी सरकारी एजेंसियों के पास नहीं है।
इसी के चलते खुले दूध में जमकर मिलावट होती है। अधिक कीमत में मिलावटी दूध लेने के लिए लोग मजबूर हो गए हैं। शहर में 50 से 80 रुपए प्रति लीटर तक खुला दूध बिक रहा है। दूसरी ओर पैकेट वाले दूध की कीमत भी बढ़ी है। अब 500 एमएल का पैकेट 29 रुपए में मिल रहा है। कहीं-कहीं ये 30 रुपए पैकेट में भी बिक रहा है।
रायपुर में आबादी के हिसाब से रोज करीब 5 लाख लीटर दूध की खपत है। इसमें खुला और पैकेट वाले दूध शामिल हैं। शहर में बड़ी संया में डेयरी कारोबार संचालित हैं। रायपुर सहित पूरे राज्य में 500 से ज्यादा डेयरी फार्म संचालित हैं। कई दुकानदार डेयरी से दूध लेते हैं। इसके बाद अपने हिसाब से रेट लगाकर बेचते हैं।
डेयरी फार्म और फुटकर दुकानदारों के यहां बिकने वाले खुले दूध की गुणवत्ता की नियमित जांच नहीं होती। खाद्य एवं औषधि विभाग हो या छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित( CGCDF) शहर में बिकने वाले खुले दूध की गुणवत्ता को लेकर गंभीर नहीं हैं। यही वजह है मिलावटी दूध बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई भी नहीं होती है।
Updated on:
13 Jul 2025 10:28 am
Published on:
13 Jul 2025 10:27 am
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