
PM Awas Yojana: पीएम आवास को लेकर राज्य सरकार गंभीर है। खुद सीएम लगातार अलग-अलग मंचों पर कह रहे हैं कि आवेदन करने से लेकर मंजूरी मिलने और घर बनाने तक किसी को एक रुपया नहीं देना है। अगर ऐसी कोई शिकायत मिलती है, तो सीधे कलेक्टर को जिम्मेदार मानते हुए कार्रवाई की जाएगी।
इधर, गरियाबंद जिले में छुरा ब्लॉक के सोरिद ग्राम पंचायत में पीएम आवास के आवेदन के नाम पर ही खेला हो गया। यहां पिछले एक महीने में पीए आवास का सर्वे करने के नाम पर 300 परिवारों से 100-100 रुपए वसूल लिए गए। इस पूरे मामले में ग्राम पंचायत सचिव, सरपंच, रोजगार सहायक समेत अन्य जिम्मेदारों की भूमिका संदेह के दायरे मे है।
ग्रामीणों राजकुमार निषाद, रवि शंकर सिन्हा, तोमन निषाद और ओमप्रकाश सिन्हा ने आरोप लगाया कि उनसे और अन्य ग्रामीणों से 100 रुपए प्रति आवेदन लिए गए हैं। कुछ पंचों से भी जबरन वसूली की गई है। पूछने पर पंचायत पदाधिकारियों ने कहा कि ये पैसे कागजी घोड़ा दौड़ान, फोटो और ऑनलाइन प्रक्रिया को ऑफलाइन में बदलने के लिए हैं। यह भी कहा गया कि आवास शाखा में काम करने वालों को चाय-पानी देने के लिए पैसे देने पड़ते हैं।
गौरतलब है कि अभी कुछ दिन पहले ही कलेक्टर बीएस उइके ने छुरा ब्लॉक में पीएम आवास की समीक्षा के दौरान गड़बड़ी के लिए 22 कर्मचारियों को नोटिस थमाया था। उस वक्त भी सोरिद ग्राम पंचायत में आवेदनों के नाम पर अवैध उगाही जारी थी। शिकायत के बावजूद पूरे मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। अफसरों पर जांच की आड़ में खानापूर्ति करने के आरोप भी लग रहे हैं।
PM Awas Yojana: सूत्रों की मानें तो मामला जब खुलकर सामने आ गया, तो पंचायत और ग्रामीणों के बीच समझौता कराने की कोशिश की जा रही है। इसका मकसद ग्राम पंचायत और जनपद कार्यालय की प्रतिष्ठा बचाना बताया जा रहा है। इन सबके बीच पीएम के नाम की महती योजना में भ्रष्टाचार पर सीएम की जीरो टॉलरेंस नीति वाले बयान को लेकर भी चर्चाएं तेज हो रहीं हैं।
छुरा में अपने दौरे के दौरान भी सीएम ने पीएम आवास योजना पर फोकस करते हुए अफसरों को बेहतर काम करने की बात कही थी। इस मामले में जानकारी के लिए रोजगार सहायक और मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत छुरा से दो बार संपर्क करने की कोशिश की गई। जवाब नहीं आया। इस बीच नव निर्वाचित सरपंच का कथित ऑडियो वायरल है।
इसमें परमानंद नाम का ग्रामीण ने सरपंच से पैसा वसूलने का कारण पूछ रहा है। इसमें उसे बताया जा रहा है, हमने 300 लोगों का सर्वे किया है। सभी से 100 रुपए लिया गया है। फोटो और ऑनलाइन फॉर्म को ऑफलाइन करने के लिए यह जरूरी है। हम करेंगे तो 100 रुपए लगेगा। तुम लोग खुद करवाओगे तो 150 रुपए तक लग जाएगा।
झगलु राम, सचिव, ग्राम पंचायत सोरिद: कुछ दिन पहले जनपद से जांच के लिए टीम आई थी। रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा कि किसने वसूली की है।
चंद्रहास बरीहा, सरपंच, ग्रा.पं.सोरिद: मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है। रोजगार सहायक को आईडी मिली थी। वही लोग ज्यादा बता पाएंगे। गांव का एक व्यक्ति फोन कर नियम पूछ रहा था।
Published on:
20 May 2025 09:42 am
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