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रायपुर

गरीब पति और सधे हाथ की फायरिंग ने खोला कातिल का राज, चार गोलियों ने दिलाई असली गुनेहगार को सजा

हत्यारे ने शरीर के केवल उन हिस्सों पर फायरिंग की है, जिससे महिला की जान जा सकती थी। इससे हत्या में किसी ऐसे व्यक्ति के शामिल होने का शक हुआ, जो फायरिंग में अभ्यस्त है। इस तथ्य पर तत्कालीन टीआई ग्वाला और क्राइम ब्रांच टीआई राजपूत चर्चा कर ही रहे थे कि एक दूसरी टीम ने कविता के मकान में रहने वाले किराएदारों की लिस्ट सौंपी।

रायपुरOct 11, 2020 / 11:21 pm

Karunakant Chaubey

गरीब पति और सधे हाथ की फायरिंग ने खोला कातिल का राज, चार गोलियों ने दिलाई असली गुनेहगार को सजा

गरीब पति और सधे हाथ की फायरिंग ने खोला कातिल का राज, चार गोलियों ने दिलाई असली गुनेहगार को सजा

रायपुर. 29 जुलाई 2018 की सुबह करीब 6.30 बजे मोवा थाने के तत्कालीन टीआई सोनल ग्वाला के सरकारी मोबाइल में कॉल आया। अधूरी नींद में टीआई ग्वाला ने मोबाइल पर जो सुना, उसके बाद उनकी नींद गायब हो गई। वे तत्काल थाना पहुंचे। इसके बाद पेट्रोलिंग टीम के साथ आदर्श नगर के एक मकान में पहुंचे।

दो मंजिला मकान के ग्राउंड फ्लोर के एक कमरे में कविता वर्मा की लाश औंधे मुंह पड़ी थी। फर्श और दीवारों पर काफी सारा खून फैला हुआ था। दरवाजा आधा खुला पड़ा था। टीआई ग्वाला के अलावा तत्कालीन क्राइम ब्रांच प्रभारी अश्वनी राजपूत सहित आला अफसर घटना स्थल का निरीक्षण करने पहुंचे। फॉरेंसिंक टीम भी पहुंची।

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कमरे और शव का बारीकी से निरीक्षण किया गया। कमरे में 9 एमएम की चार राउंड फायरिंग हुई थी। दो गोलियां महिला की बॉडी में ही फंसी थीं और दो गोलियां उसके शरीर को चीरते हुए बाहर निकल गई थी। मौके पर मिले कारतूस के चार खाली खोखे पुलिस ने जब्त कर लिए।

करीब 3 घंटे जांच और मकान में रहने वाले किराएदारों से पूछताछ से कातिल का कोई सुराग नहीं मिला। दूसरे दिन पुलिस की टीम ने कविता के घर आने-जाने वालों की लिस्ट बनाई और 20 से अधिक लोगों से पूछताछ की। कोई सुराग नहीं मिला। पूरा ब्लाइंड मर्डर था। कातिल का कहीं कोई सुराग नहीं मिल रहा था।

प्रारंभ में पुलिस ने अवैध संबंध, पति-पत्नी के विवाद, जमीन संबंधी विवाद को लेकर जांच शुरू की। इस दौरान पुलिस को कविता के पति पर शक हुआ, क्योंकि दोनों के बीच संबंध अच्छे नहीं थे। दोनों अलग रहते थे और कई बार झगड़ा भी हुआ था। मकान को लेकर विवाद भी चल रहा था।

शक के आधार पर पुलिस ने कविता के पति कमलेश से कई घंटों पूछताछ की। उसे ही हत्यारा माना गया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। अवैध संबंधों की भी जांच की गई, लेकिन ऐसा कोई तथ्य पुलिस को नहीं मिल पाया और न ही कोई जमीन विवाद का मामला नजर आया।

इस बीच जांच टीम का ध्यान कमलेश के लो प्रोफाइल लाइफ में गया। वह मजदूरी करके अपने दो बच्चों की परवरिश कर रहा था। वह इतना महंगा पिस्टल कहां से लाएगा? और इतने सटीक ढंग से कविता के शरीर पर फायरिंग कैसे कर सकता है? इन सवालों के चलते जांच टीम ने तय किया कि हत्या करने वाले का निशाना अचूक था और सधे हुए हाथ से फायरिंग हुई है।

हत्यारे ने शरीर के केवल उन हिस्सों पर फायरिंग की है, जिससे महिला की जान जा सकती थी। इससे हत्या में किसी ऐसे व्यक्ति के शामिल होने का शक हुआ, जो फायरिंग में अभ्यस्त है। इस तथ्य पर तत्कालीन टीआई ग्वाला और क्राइम ब्रांच टीआई राजपूत चर्चा कर ही रहे थे कि एक दूसरी टीम ने कविता के मकान में रहने वाले किराएदारों की लिस्ट सौंपी।

इससे पता चला कि वहां एक सीआरपीएफ का हवलदार पंकज कुमार सिंह भी रहते हैं और घटना वाले दिन से वह गायब था। सीआरपीएफ का हवलदार और महिला को शूट करने का तरीका? इन दो बातों ने पुलिस की जांच की दिशा बदल दी थी और हवलदार पर पुलिस का शक और गहरा होता चला गया।

अगले दिन पुलिस की एक टीम सुबह से सीआरपीएफ कैंप पहुंची और पंकज कुमार सिंह के बारे में पूछताछ की। ऑफिस से पता चला कि पंकज कुमार के पास 9 एमएम की लाइसेंसी पिस्टल है। इससे शक और मजबूत हो गया। पुलिस ने हवलदार से पूछताछ शुरू की।

कुछ ही देर में उसने हत्या करना स्वीकार लिया और बताया कि हत्या करने के बाद उसने पिस्टल अपने एक दोस्त के पास छुपा दी है। पुलिस उसे लेकर एलआईसी कॉलोनी पहुंची और उसके दोस्त से पिस्टल बरामद कर लिया। साथ ही १६ जिंदा कारतूस भी जब्त किया था। पुलिस ने उसे धारा ३०२ के तहत हत्या के अपराध में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

गोलियों ने दिलाई सजा

पुलिस ने तय समय में कोर्ट में चालान पेश किया। मामले में हत्या का कोई प्रत्यक्ष गवाह नहीं था। इससे कोर्ट में आरोपी द्वारा हत्या करने का तथ्य साबित करना पुलिस की लिए बड़ी चुनौती थी। पुलिस ने परिस्थितिजन्य साक्ष्यों पर विशेष ध्यान दिया। पुलिस ने आरोपी पंकज के पिस्टल और कविता के शरीर व घटना स्थल में मिले बुलेट और खाली खोखे की फॉरेंसिक जांच कराई।

इससे साबित हो गया कि उसी पिस्टल से गोली चली थी। इसके अलावा मृतका के शरीर में एक बुलेट फंसा था। पोस्टमार्टम के दौरान डॉक्टरों ने उस बुलेट को बाहर निकाला। उस बुलेट का भी पंकज के पिस्टल का होना पुलिस ने साबित कर दिया। मृतका के शरीर और कमरे में मिली बुलेट सभी उसके पिस्टल से चलना कोर्ट में साबित हो गया। इस आधार पर न्यायालय ने १४ नवंबर २०१९ को आरोपी पंकज कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

यह थी हत्या की वजह

हवलदार और कविता के बीच मामूली बातों को लेकर विवाद होता रहता था। खासकर गाड़ी रखने को लेकर। इससे पंकज नाराज रहता था और उसने हत्या की योजना बना ली थी। प्लानिंग के तहत वह सीआरपीएफ कैंप के आर्मोरर से अपनी पिस्टल लेकर आया था और घर में ही रखा था। इसके बाद प्लानिंग के तहत रात करीब 11 बजे वह कविता के कमरे में गया और उसे शूट कर दिया। लगातार चार फायरिंग करने से महिला की मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद पंकज वहां से निकल गया था।

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