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रायपुर. शिक्षा सत्र 2020-21 के मद्देनजर हाईकोर्ट (Bilaspur High Court) ने स्कूलों को ट्यूशन फीस (Private School Tuition Fees) लेकर बच्चों को शिक्षा देने का निर्देश जारी किया था। हाईकोर्ट के इस निर्देश का फायदा उठाते हुए निजी स्कूलों ने निर्देश मिलते ही शत प्रतिशत फीस वसूलना शुरू कर दिया है। पालकों पर दबाव बनाया जा सके, इसलिए प्रबंधन ने बच्चों को स्कूल से निकालने का फरमान भी सुना दिया।
पालकों ने विरोध किया, शिकायत किया, लेकिन मामले में अब तक स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की है। पालक स्कूलों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है और जनप्रतिनिधियों के दरवाजे पर दस्तक दे रहे है, लेकिन हर बार आश्वासन मिलता है। स्कूल प्रबंधन के खिलाफ दर्जनों शिकायत पालक कर चुके है, लेकिन कार्रवाई अब तक एक भी स्कूल में नहीं हुई है।
जिम्मेदारों ने बनाई दूरी
निजी स्कूलों की मनमानी का विरोध कर रहे पालकों ने मामले की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी, कलेक्टर, स्कूल शिक्षा सचिव, स्कूल शिक्षा मंत्री, राज्यपाल और सीएम से की। इन मामलों में शिकायत करने के दौरान पालकों को आश्वासन मिला, लेकिन स्कूलों की मनमानी पर नियंत्रण नहीं लगाया गया। विभागीय अफसरों की निष्क्रियता के चलते पालक ना चाहते हुए प्रबंधन की शर्त के आगे घुटने टेक रहे है। सभी जिम्मेदारों ने पालकों से दूरी बना ली है।
इन इलाके के स्कूलों की हुई शिकायत
विभागीय अधिकारियों और पालकों की मानें तो राजधानी के पेंशनबाड़ा, राजेंद्रनगर, आमानाका, विधानसभा, मोवा, कमल विहार, राजेंद्र नगर, शंकरनगर और डीडीनगर इलाके में संचालित स्कूलों की अलग-अलग शिकायत पालक और पालक संघ के सदस्यों ने की है। डीडी नगर इलाके में संचालित एक स्कूल के खिलाफ तो शिकायत सरस्वती नगर थाना में भी की गई है। इन मामलों में अब तक कोई भी ठोस जांच नहीं हुई।
रायपुर जिला शिक्षा अधिकार जीआर चंद्राकर ने कहा, ट्यूशन फीस लेने का निर्देश कोर्ट ने दिया है। कोर्ट के मामले में हम किसी भी तरह की टिप्पणी नहीं कर सकते। पालकों की शिकायत पर स्कूल प्रबंधन से पूछताछ की जाती है। मामले में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशानुसार जांच की जा रही है।
Published on:
08 Oct 2020 02:52 pm
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