इससे यह साफ हो गया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी का फैसला ही अंतिम होगा और आकाश तिवारी नेता प्रतिपक्ष की भूमिका का निर्वहन करेंगे। इनके नाम का प्रस्ताव शहर जिला कांग्रेस कमेटी ने पहले ही निगम सभापति सूर्यकांत राठौर को दी है। अब सभापति अधिकृत तौर पर मान्यता देंगे।
बता दें कि शहर जिला और कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों में तालमेल के अभाव में विवाद की स्थिति बनी। निगम के बजट के सत्र के दौरान शहर जिला कांग्रेस कमेटी ने दो बार के पार्षद संदीप साहू को नेता प्रतिपक्ष तय किया था। इसके बाद 16 अप्रैल को प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सभी नगर निगमों के लिए नेता प्रतिपक्ष और उपनेता के नामों की सूची जारी की थी।
इससे नाराज
कांग्रेस पार्षद संदीप साहू समेत पांच पार्षदों ने इस्तीफा दे दिया था। इस मसले को सुलझाने के लिए पूर्व विधायक लेखराम साहू की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी बनाई। कांग्रेस महामंत्री मलकीत सिंह गैंदू ने मामला सुलझ जाने की पुष्टि की है।
तीन नेताओं को भी परीक्षा से गुजरना पड़ा
इस बार 70 में से केवल 8 पार्षद ही कांग्रेस पार्टी से हैं। इनमें से पांच पार्षदों ने कांग्रेस कमेटी के जिसमें आकाश तिवारी के नाम पर नेता प्रतिपक्ष की मुहर लगी थी, उस फैसले पर सवाल उठाते हुए इस्तीफा दे दिए थे। इसके साथ ही कांग्रेस के तीन नेताओं को भी परीक्षा से गुजरना पड़ा। क्योंकि पार्टी के फैसले का सवाल था।
ऐसे में इस्तीफा देने वाले संदीप साहू, रोनिता प्रकाश नायक, दीप मणिराम साहू पूर्व विधायक विकास उपाध्यक्ष के करीब हैं तो जयश्री नायक पूर्व महापौर प्रमोद दुबे और रेणु जयंती साहू कांग्रेस नेता पंकज शर्मा के करीब हैं। पार्टी के अंदर इन कांग्रेस नेताओं की साख भी दांव पर थी।