. मकान मालिक किराए के घर के निरीक्षण के लिए केवल दिन में ही आ सकते हैं, वह भी घर में किसी वयस्क पुरुष सदस्य की उपस्थिति में। छत्तीसगढ़ भाड़ा नियंत्रण अधिनियम में कुछ ऐसे प्रावधान किए गए हैं कि न तो मकान मालिक मनमानी कर सकेंगे और न ही किराएदार। भवन स्वामी अपने किराए के मकान की बिजली, जल जैसे आवश्यक आपूर्ति नहीं रोक सकेगा। किराया यदि 2000 रुपए या इससे कम हो तो वार्षिक किराए में वृद्धि 5 फीसदी से अधिक नहीं होगी। अधिनियम के अंतर्गत किराएदार व मकान मालिक, दोनों पक्षों को बराबरी का अधिकार दिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक इससे पहले नियमों में कई विसंगतियों को दूर किया गया है। राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ भाड़ा नियंत्रण अधिनियम-2011 में जरूरी सुधार करते हुए वर्ष 2016 में नए नियम बनाए हैं।